माँ
माँ


आजा खाना खा ले।
माँ ने आवाज़ लगाई।
मुझे नहीं खाना, भूख नहीं लगी है।
ऐसे कैसे भूख नहीं लगी ?
रात में भी कुछ नहीं खाया था।
देख असकली बनाई है।
मुझे नहीं खाना ना,
क्यों पीछे पड़ी हो?
मीठी अस्कली भी है
आ जल्दी नहीं तो सारी
गुड़िया खा जाएगी।
हां उसी को दे दो ,
मुझे तो प्यार करती नहीं हो
वही तुम्हारी प्यारी है
आजा बच्चा,
ढेर सारा घी भी डालूंगी।
मुझे नहीं खाना
गुड़िया को खिला दो, खुद खा लो
माँ अंदर कमरे में चली आती हैं
सुनता क्यों नहीं तू ?
खायेगा नहीं तो कैसे बड़ा होगा।
मुझे नहीं बड़ा होना।
जाओ तुम मुझे नहीं खाना।
एक चांटा पड़ता है
माँ रोने लगती है
मैं खाने लगता हूं रोते रोते।
वो मुझे चिपका लेती है ।