AMIT SAGAR

Others

4.3  

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लेखक

लेखक

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लेखक कहने को तो कहानियाँ और कवितायें लिखने वाला एक आम इंसान ही होता है, पर उसमें‌ जो अन्य खूबियाँ होती है उनके बारे में जानकर शायद आप दाँतो तले उँगलियाँ चबाने पर मजबूर हो जायेंगे। वैसे तो अपनी तारीफ करना मूर्ख लोगों का काम है, पर अपनी रुचियाँ और उन रुचियों के प्राप्त फलो के कुछ अचंभित अंशों के बारे में बात करना शायद कोई बुरी बात नहीं है। लेखक की सबसे अनोखी बात यह है कि वो हर जीव जन्तु की जिन्दगी जीने में माहिर होता है , जैसे कि कल्पनाओं के माध्यम से वो चूहों के साथ उनके बिलो में भी रहता है । और घने जंगलों में खूंखार जानवरों के दिलों में भी रहता है । वो नरम नरम घास पर पड़ी भोर की शबनम का बखान कुछ इस तरह करता है कि सुनने वाला उस शबनम की ठंडक अपने मन में महसूस करने लगता है । गर्म तवे पर बैठने पर जितना दर्द होता है उतना दर्द वो अपने किस्सों में शब्दों के माध्यम से उकेर देता है, साथ ही अनंत शीत की लहर भी वो अपनी कविताओं में भर देता है। अजूबा, शक्तिमान, क्रिश और रोबॉट जैसे सुपरहिरो के जीवन में घटित होने वाली घटनायें एक लेखक के लिये आम बात है, क्योंकि यह सारे सुपरहिरो लेखकों के मन की ही उपज है । समुद्र की गहराई और आसमान की ऊँचाई का सफर , लेखक पल भर में तय कर लेता है। भीख ना मिलने पर सारी रात भूखे रहने की पीढ़ा लेखक सहज ही महसूस कर लेता है और साथ ही दोनों हाथों से हीरे जवाहरात बखेरने से कितनी असीमित खुशियाँ मिलती है यह एक लेखक अच्छी तरह जानता है । अपनी ही परछाइयों के गुप्त अंधेरों में तन्हा तन्हा सा रहकर भी मेले, दशहरों का हाल वो अपनी कहानियोँ में कुछ इस तरह से बयाँ करता है कि पढ़ने वाला उन शब्दों की भीड़ में खो सा जाता है । लेखक तो गुमसुम, उदास और चुप रहने वाला दिखता है पर उसकी कहानियाँ जो चीख पुकार करती हैं उनसे दुनिया अनजान नहीं है । छोटे से घर की टूटी फूटी कुर्सी मेज पर लिखी हुई लेखक की रचनाएं दुनिया भर में धूम मचाने की कूवत रखती हैं । लेखक की कलम से निकले हुए शब्दों से बने वाक्य पढ़कर पाठक इतने भावुक हो जाते है कि उनकी आँखों की नमी और लालिमा उनके चेहरे पर आप स्पष्ट देख सकते हैं, और साथ ही उनके गुदगुदाते हुए किस्सों को पढ़कर तो हँसते हँसते पेट मे दर्द ही होने लगता है । अगर दूसरे शब्दों में कहूँ तो लेखक एक निर्माता भी है जो अपनी कलम से चरित्रों का निर्माण करता है । हम सभी ने ना तो महाभारत का युद्ध देखा है और ना ही रामायण की लीलायेँ देखी हैं , और इन गाथाओं के बारे में हमें कभी पता भी ना चल पाता अगर लेखक ना होते । वो लेखक ही हैं जिन्होंने रामायण और महाभारत के बारे में इतनी बारीकी से लिखा है कि पढ़ते समय चरित्रों की तस्वीरें हमारी आँखों में खुद वा खुद खींचीं चली जाती हैं। अजी वेदव्यास, वाल्मीकि, सूरदास, तुलसीदास, कबीरदास, मुन्शी प्रेम चन्द आदि यह वो लेखक हैं जिन्होंने हमें युगों युगों के दर्शन अपनी रचनाओं मात्र से ही कर रखे हैं, और अन्त में हमारे कर्मो का लेखा जोखा रखने वाले चित्रगुप्त भी एक लेखक ही है।


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