उस वक्त बेइज्जती के जो घूँट उसे वक्त ने पिलाये थे, आज उनकी कीमत उसकी मुट्ठी में थी । उस वक्त बेइज्जती के जो घूँट उसे वक्त ने पिलाये थे, आज उनकी कीमत उसकी मुट्ठी में ...
वो तो बच्ची है अभी! उसके साथ क्या कहानी बनेगी भला? वो तो बच्ची है अभी! उसके साथ क्या कहानी बनेगी भला?
समुद्र की गहराई और आसमान की ऊँचाई का सफर , लेखक पल भर में तय कर लेता है समुद्र की गहराई और आसमान की ऊँचाई का सफर , लेखक पल भर में तय कर लेता है