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Dhan Pati Singh Kushwaha

Children Stories Drama Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Children Stories Drama Inspirational

लैवेंडर फार्म-जिज्ञासा के श्री मुख से

लैवेंडर फार्म-जिज्ञासा के श्री मुख से

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एक लम्बी समयावधि के उपरांत विद्यालय खुले हैं। अध्ययन के दृष्टिकोण से काफी क्षति हुई है पर कुछ विद्यार्थियों ने नूतन तकनीक का भरपूर लाभ उठाते हुए अपने नियमित पाठ्यक्रम से हटकर विविध क्षेत्रों का भी ज्ञान अर्जित किया।आज कक्षा की मानीटर जिज्ञासा जो बड़ी ही जिज्ञासु प्रवृत्ति की छात्रा है। उसके माता-पिता से भी जब भेंट होती है तो वे यह बताते हैं कि यह बहुत ज्यादा प्रश्न पूछती है मैंने इसे शुभ लक्षण बताते हुए उन से अनुरोध किया इसके मन में जो भी जिज्ञासा आती है उसका समाधान अवश्य किया जाना चाहिए यदि इसके प्रश्नों का उत्तर हमारे पास नहीं है तो हम उपलब्ध स्रोतों की मदद से इसके साथ मिलकर इसकी जिज्ञासा शांत करें। आज जिज्ञासा ने लैवेंडर की खेती के बारे में कक्षा को बताने की इच्छा व्यक्त की।

मैंने कक्षा को बताया- "यह तो बड़ी ही अच्छी बात है जो जिज्ञासा हमेशा ही कक्षा में प्रश्नों की झड़ी लगाती है आज स्वयं भी वह कुछ तुम सबको बताना चाहती है। हम सबको जिज्ञासा की बात पूरे मनोयोग के साथ सुन कर अपने ज्ञान में वृद्धि करनी चाहिए और बड़े ही सम्मान और ध्यान के साथ जिज्ञासा की बात सुननी चाहिए। बच्चे का अभी क्या है कि कोई भी विद्या सीखने का जब भी हमें मौका मिले उसे हमें सीखने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए क्योंकि कोई भी विद्या कभी न कभी हमारे जीवन में काम आ सकती है। प्रकृति सर्वशक्तिमान है।देश , काल , परिस्थितियों के अनुरूप संसार के अलग-अलग क्षेत्रों मनुष्य ने विविध शक्ति रूपों में इसके प्रति कृतज्ञता का भाव दर्शाते उनकी स्तुति की। प्रकृति के रहस्यों में कुछ रहस्यों को समझने में मनुष्य आंशिक रूप से सफल हुआ है।इसे आंशिक सफलता कहा जाना इसलिए ज्यादा उचित है क्योंकि जितना ज्ञान अर्जित किया गया है वह ज्ञान के सागर की एक बूंद के बराबर ही होगा। इसके साथ जो ज्ञान अर्जित भी किया गया है वह आगे आने वाले समय में गलत भी प्रमाणित हो जाता है। सजीव और निर्जीव जगत ऐसे रहस्यों से भरा हुआ है जिनके कारणों को समझने में कल्पनाओं से आगे जाना संभव नहीं लगता।एक प्राणी के शरीर की संरचना और जीवन की प्रक्रियाएं ,चाहे वह जन्तु हो या पादप , कितनी जटिल हैं।अब जिज्ञासा बेटा हम सबको लैवेंडर के बारे में जानकारी दो।"

जिज्ञासा ने बताना प्रारंभ किया-" लैवेंडर के पौधे का नाम उसके पत्तों के सुंदर बैंगनी- नीले रंग के नाम पर रखा गया है। इस पौधे की सैंतालीस प्रजातियां हैं। लैवेंडर सूखी और थोड़ी रेतीली मिट्टी में सबसे अच्छी तरह होते हैं। आमतौर पर इसे घर के बगीचे और खेतों में लगाया जाता है। इसे उगाने के लिए उर्वरक या बहुत ज्यादा रखरखाव की जरूरत नहीं होती ।इसके पौधे जंगलों में भी उगते हैं और घरेलू बगीचों में भी । बहुत से देश ऐसे हैं जहां पर लेवेंडर फार्म है ।फार्मों में पौधों को पंक्तियों में उगाया जाता है। इसके फूलों को लम्बे समय सुरक्षित रखने के लिए सुखा कर संरक्षित कर लिया जाता है। सुखाने की प्रक्रिया तेज हो इसके लिए इन्हें माइक्रोवेव में दबाकर सुखा लिया जाता है। इन्हें संरक्षित करने के लिए पैराफिन मोम या सोया मोम का प्रयोग किया जाता है। लैवेंडर के पौधों जब फूल खिले होते हैं तो यह बड़ा ही मनमोहक दृश्य होता है।इसका उपयोग उपचार के लिए जड़ी-बूटियों के रूप में भी होता है।हमारे टाॅयलेट्स या कार में लैवेंडर का प्रयोग दुर्गन्ध से बचने के लिए आम तौर पर होता है। इसके अतिरिक्त मच्छर को भगाने और मुंहासों के उपचार में भी इसका प्रयोग होता है। फार्मों का मनोरम दृश्य पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन द्वीप, कोलोराडो , कैलीफोर्निया और मैसाचुसेट्स, फ्रांस के वैलेंसोल पठार, बुल्गारिया के बर्गास, क्रोएशिया के सवार द्वीप, आस्ट्रेलिया के विक्टोरिया और ब्रिस्टोवे , यूनाइटेड किंगडम के सटन, जापान के फुरानो में लैवेंडर फार्म हैं।फार्म पर इन्हें पंक्तियों में उगाया जाता है।"

ओमप्रकाश ने कहा-" हमारी बहन जिज्ञासा का आज हम सबने ही एक कौतूहल भरा आचरण देखा। इनकी हम सबके मन-मस्तिष्क में इनकी एक जिज्ञासु प्रवृत्ति भी देखी थी।आज इन्होंने लैवेंडर फार्म के बारे जिस प्रकार जानकारी साझा की इससे हमें तो पक्का विश्वास है कि यह किसी भी गम्भीर और रहस्यमयी विषयों की जानकारी दे सकती हैं।"

आकांक्षा ने जिज्ञासा के बारे में बताया-" जब इन्होंने हमारे विद्यालय में प्रवेश किया था। इनके हाव-भाव और बातचीत के ढंग से यह बहुत ही सीधी सरल और सामान्य सी लड़की लगती थीं लेकिन इन्होंने परीक्षा परिणाम घोषित होने पर कक्षा में ओम प्रकाश भैया के साथ संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त करके हम सबको आश्चर्य में डाल दिया था । शर्मीली और साधारण सी दिखने वाली लड़की कितनी प्रतिभाशाली है। आज उसका एक उत्कृष्ट नमूना इन्होंने प्रस्तुत किया है।"

जिज्ञासा बोली-" हम सब प्रतिदिन कुछ नए -नए रहस्य से भरपूर ज्ञानवर्धक विषयों की जानकारी प्राप्त करके आएं और हैप्पीनेस के पीरियड में खुशी और ज्ञान दोनों में वृद्धि करें।"

सभी विद्यार्थियों ने जिज्ञासा की इस बात से सहमति का प्रकटीकरण करतल ध्वनि के साथ किया।


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