कलह वायरस
कलह वायरस
वह सचमुच उब चुकी थी इस कोरोना वायरस का नाम सुन-सुनकर। जब भी टी.वी खोलो बस वही-वही समाचार। कभी सुना था नाना पाटेकर जी का डायलॉग", एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है।" उसी तरह इस चीन के कीड़े ने सबको घर बंद कर दिया था। यानी लॉक डाउन। जिंदगी थम सी गई थी। पति और बेटे घर पर थे इसलिए चाय की फरमाइश ज्यादा होने लगी थी। खाने में भी घर के सामानों से ही होटल की तरह जायकेदार खाना बनाना चाहिए। घर में लड़ाई इसी बात पर गाहे-बगाहे हो जाती थी, लेकिन अभी तो नाक में दम हो गया था।
उस दिन भी जमकर नोंक-झोंक हुई हम दोनों के बीच। मैंने खिचड़ी जो बना दिया था। तभी मेरे जेठ का फ़ोन आ गया-कैसे हो तुम सब ? मैंने कहा ",भाई साहब
डॉक्टरों ने सभी वायरस का इलाज खोज लिया। पर, कलह वायरस का नहीं कितनी बड़ी विडम्बना है।