ख़्वाब
ख़्वाब
1 min
320
’ख़्वाब’, मन की वह अवचेतन अवस्था होती है जिसमे शरीर सुषुप्ता अवस्था में होती है मगर मन जागृत रहता है।
ख़्वाब अच्छे भी होते हैं और बुरे भी... कभी-कभी स्वप्न की दुनिया में जीने की इच्छा होती लेकिन कभी-कभी डर भी लगता है बहुत।
ख़्वाब तो ख़्वाब ही होता है, हक़ीकत से इसका कोई लेना देना नहीं होता...
स्वप्न में इन्सान जानें कहाँ-कहाँ से घूमकर उठता अपने बिस्तर से ही है।
कभी लड़ाई तो कभी इज़हार जानें क्या क्या गुल खिलाता है ख़्वाब!
