Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win

Gita Parihar

Others

2  

Gita Parihar

Others

कैथल

कैथल

2 mins
3.2K


 

हरियाणा प्रान्त में एक महाभारत कालीन ऐतिहासिक शहर है, कैथल जो करनाल, कुरुक्षेत्र, जीन्द और पंजाब के पटियाला जिले से मिला हुआ है। पुराणों के अनुसार इसकी स्थापना युधिष्ठिर ने की थी। वैदिक सभ्यता के समय में कपिस्थल कुरू साम्राज्य का एक प्रमुख भाग था।  इसे वानर राज हनुमान का जन्म स्थान भी माना जाता है। इसीलिए पहले इसे कपिस्थल के नाम से जाना जाता था।

हनुमान की माता अंजनी को समर्पित अंजनी का टीला यहाँ के दर्शनीय स्थानों में से एक है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार 7वीं शताब्दी में यहां राजा शालिवाहन का राज था। उसे श्राप मिला था कि वह रात में मर जाएगा, लेकिन किसी कारणवश वह नहीं मरा और श्राप से भी मुक्त हो गया। तब राजा ने खुश होकर यहां पांच मन्दिरों का निर्माण कराया। अब दो मन्दिर बचे हैं जो कि बहुत खूबसूरत हैं। इन मन्दिरों को देखने के लिए दूर-दराज से पर्यटक आते हैं।

इतिहास के अनुसार यह भारत की पहली महिला शासक रजिया सुल्तान (इल्तुतमिश की पुत्री) के साम्राज्य का एक भाग था। दिल्ली में विद्रोह के बाद रजिया सुल्तान को दिल्ली से पलायन करना पड़ा। कैथल में दिल्ली की व्रिदोही सेनाओं ने उसे पकड़ लिया और एक भयंकर युद्ध में 13 नवंबर 1240 को वह यहीं मृत्यु को प्राप्त हुईं। रजिया सुल्तान की कब्र यहाँ मौजूद है। कब्र के पास एक मस्जिद भी बनी हुई है। सम्राट अकबर ने उनकी कब्र को दोबारा बनवाया और पास ही एक किले का निर्माण भी कराया था।  

 इस पर सिक्ख शासकों का शासन भी रहा है। भाई उदय सिंह यहाँ के अंतिम शासक थे। १४ मार्च १८४३ को उनकी मृत्यु हुई।  

कैथल पहुंचने के लिए सबसे नजदीक चण्डीगढ़ तथा दिल्ली हवाई अड्डा है।  कार, बस और टैक्सी द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 65 व राष्ट्रीय राजमार्ग 1 द्वारा आसानी से कैथल पहुंचा सकता है।

रेलमार्ग से कैथल पहुंचने के लिए कुरूक्षेत्र (दिल्ली - अंबाला मार्ग) या नरवाना (दिल्ली - जाखल मार्ग) आना पड़ता है। कुरूक्षेत्र से नरवाना रेलमार्ग से कैथल रेलवे स्टेशन तक पहुंच सकते हैं।

 पंजाब से दोसंगरुर व पटियाला से भी सड़क मार्ग द्वारा कैथल तक आ सकते हैं।

अगस्त 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैथल-राजगढ़ हाईवे के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया जो कि 166 किलोमीटर लंबा होगा तथा इसकी लागत 1394 करोड़ रुपए आएगी तथा इसे ३० महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कलायत, नरवाना, बरवाला, हिसार और सिवानी से गुज़रने वाले इस हाईवे में 23 अंडरपास और लगभग 21 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड होगी।



Rate this content
Log in