जब सब थम सा गया(दिन-37)
जब सब थम सा गया(दिन-37)
प्रिय डायरी,
कल का दिन बहुत ही अनोखा था।एक और जहा मुझे सर्टिफिकेट मिल रहे थे वेबिनार के वही दूसरी और बॉलीवुड के महान कलाकार इरफ़ानखान जी की मृत्यु की खबर।यही सब बाते सोचकर मैं उठा और छत पर जाकर टहलने लगा।कमर में दर्द के चलते में योग नहीं कर पा रहा था।टहलने के कुछ देर बाद मैं छत पर पड़ी कुर्सी पर जाकर बैठ गया और सूर्योदय देखने लगा।कुछ देर बाद नीचे आकर स्नान किया और पूजा पाठ करने के बाद जैसे ही टीवी खोला एक और बुरी खबर ने मुझे और दुखी कर दिया।सच बताऊ तो कुछ देर के लिए में शांत होकर बैठ गया।खबर दुखद थी की बॉलीवुड के एक और महान अभिनेता ऋषि कपूर जी का निधन हो गया।ये सब क्या हो रहा था कुछ समझ नहीं आ रहा था।कल इरफ़ान खान जी और आज ऋषि कपूर जी। मैं सोचने लगा को 2020 अभी और क्या क्या करवाएगा?
लॉक डाउन के खबर के बीच दोनों अभिनेताओं के मृत्यु की खबर सच में बहुत ही दुखद थी।मैंने टीवी बंद किया और नास्ता भी नहीं किया और अपने कमरे में जाकर बैठ गया।मोबाइल उठा कर देखा तो आज भी मुझे 2 से 3 वेबिनार में सम्मिलित होने हैं।लेकिन वे सब 3:30 बजे से थे।मैंने आने वाले अन्य वेबिनार के बारे में देखा और अपना रजिस्ट्रेशन करवाया।इन वेबिनारो की सूचना मैं राकेश को भी देता रहता हूं।दोपहर के भोजन का समय हो गया था और सुबह नास्त न करने के कारण मुझे भूख भी लग गयी थी।भोजन के बाद मैं ऊपर अपने कमरे में आया तो कमरे का ताप
मान बहुत था।लेकिन क्या करता कंप्यूटर इसी कमरे में हैं।इसलिए गर्मी बर्दास्त करके में वेबिनार का इंतेजार करते हुए किताब पढ़ने लगा।3 बजे मेरे पास मेल आया जिसमे आज होने वाले वेबिनार का पासवर्ड था।3:45 पर वेबिनार चालु हुआ।
आज के वेबिनार मध्य प्रदेश लाइब्रेरी असोसिएशन द्वारा विषय स्मार्ट टूल्स फॉर टीचिंग एंड लर्निंग था।जिसके बारे में डॉ प्रह्लाद जाधव सर ने बहुत सूंदर ढंग से समझाया।ये वेबिनार लगभग 2 घंटे चला और 6 बजे खत्म हुआ।इसके बाद 6:15 से एक और वेबिनार डॉ.डी.पी. त्रिपाठी सर द्वारा विषय मेटाडेटा एंड इनफार्मेशन रेट्रीवल के ऊपर था।ये पूर्णतः प्रैक्टिकल था।इसलिए समझने में थोड़ी परेशानी हुई।ये भी दो घंटे तक चला।8 बजे दोनों वेबिनार के खत्म होने के बाद में नीचे आया और बाहर टहलने लगा।इसी बीच खबर मिली की निम्बाहेड़ा के पहले मरीज की मृत्यु हो गयी हैं।सच में आज दिमाग बहुत खराब हो गया था।इसलिए में भोजन करके अपने कमरे में आकर जल्दी सोने के लिए बिस्तर पर लेटा सोते वक़्त में यही सोच रहा था कि ये क्या हो रहा हैं।तभी याद आया की कहानी अधूरी छूटी हैं उसको पूरा लिखना हैं और फिर सब कुछ भूलकर कहानी लिखने लगा और कहानी पूरी लिख कर सो गया।
इस तरह आज का दिन बहुत ही दुखद खबरों के साथ समाप्त हो गया। बाकी कहानी अभी अगले भाग में जारी रहेगी...................