जाल

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पाप की नगरी कहे जाने वाले शहर विल सिटी में आज अजीब सन्नाटा है, शहर के अपराधियों के द्वारा उस अज्ञात हमलावर की मौत के जाल पूरे शहर में फैलाये गए है। पिछले एक पखवाड़े से उस अज्ञात हमलावर ने २५ प्रभावशाली व्यक्तियों को मार डाला था, मारे जाते समय ये व्यक्ति महिलाओं और मासूम बच्चियों पर हुए अपराधों में लिप्त थे। इन व्यक्तियों के परिवारों की शिकायत पर पुलिस अज्ञात हत्यारे को पकड़ने का प्रयास कर रही थी, लेकिन हत्यारा आजाद था और रोज़ उन लोगों को शिकार बना रहा था जिनकी वजह से शहर में महिलाएं बच्चियां सड़क पर सुरक्षित महसूस नहीं करती थी। मारे गए पुरुषों, लड़कों के माता-पिता को उनकी मौत का बदला हर हाल में लेना था, इसलिए पुलिस से उम्मीद छोड़कर उन्होंने उस हत्यारे की मौत का कॉन्ट्रैक्ट शहर के कुख्यात अपराधी देवा को दे दिया था। पैसे के लिए कुछ भी करने वाले देवा ने आज पूरे शहर में ऐसा जाल फैलाया था कि उस हमलावर की मौत आज तय थी।

शाम का धुंधलका और कोहरे की पतली परत काली नदी से लगे ५० एकड़ में फैले वुल्फ पार्क को अपनी चपेट में ले चुके थी। रोज की तरह आज वो अपना स्थान बदल कर आज वुल्फ पार्क में था और हमेशा की तरह आज भी किसी पापी को अत्याचार करते हुए सजा देना चाहता था। कड़क ठंड पूरे पार्क को अपनी चपेट में ले चुकी थी।

हमेशा की तरह आज भी उसने खुद से सवाल किया कि क्यों कर रहा है वो ये सब? हमेशा की तरह उसके कानों में अपनी मासूम बेटी की कर्ण भेदी चीखे गूँज रही थी जिसे उन चार दरिंदों ने बलात्कार के बाद मार डाला था। वो उन दरिंदों को नहीं पहचानता था इसलिए अब वो हर दरिंदे को मार डालना चाहता था।

अचानक पार्क में एक महिला की चीख गूँज उठी। वो चौकन्ना हो गया और चीख के उद्गम स्थान की और दौड़ पड़ा, दौड़ते-दौड़ते उसने अपनी बेल्ट से माऊज़र निकाल लिया और रिवाल्वर को भी थपथपा कर देखा। चीख अब स्पष्ट होती जा रही थी। पार्क के एक धुँधले कोने में एक बदमाश ने एक युवक को गन पॉइंट पर ले रखा था और दूसरा बदमाश एक युवती को गन पॉइंट पर पार्क में लगी बेंच पर दबोचे हुआ था। पहली ही दृष्टि में लगा की यह प्रेमी युगल पार्क में बदमाशों के हत्थे चढ़ गया था। वो अचानक गोली नहीं चला सकता था क्योंकि गोली उस प्रेमी युगल में से किसी को लग सकती थी, इसलिए वो शांत स्वर में बोला— "छोड़ दो इनको……………….."

उसकी आवाज ने जादू सा असर किया, दोनों बदमाशों ने युवक और उस युवती को छोड़ दिया। युवक छूटते ही भाग गया और दोनों बदमाश तेज़ी से युवती के पीछे जा छिपे और उस पर गोली चला दी, निशाना चूका, उसने अपने बचाव के लिए खुद को जमीन पर गिरा दिया और बदमाशों का निशाना लिया लेकिन बदमाशों और उसके बीच वो युवती होने के कारण गोली न चला सका। तभी युवती के हाथ में रिवाल्वर चमकी और युवती ने बिना हिचक के उस पर गोली चला दी। पहली गोली उसके बलिष्ठ कंधे में आ घुसी, दूसरी उसकी कनपटी को छूकर निकल गई। उसने अपनी गन को युवती की और किया लेकिन गोली ना चला सका और अपने बचाव के लिए जमीन पर लुढ़कने लगा। तब तक युवती और बदमाशों की गोलियां उसकी बायीं जांघ में आ लगी थी।

अब वो एक पेड़ के पीछे था और युवती उसके स्पष्ट निशाने पर थी, उसने अपनी गन को नीचे कर लिए। आखिर महिला और बच्चियों के ऊपर जुल्मों के खिलाफ लड़ने वाला वो एक युवती की जान कैसे ले सकता था। उस पर हमला करने वाले जानते थे की वो बुरी तरह घायल है उसपर अंतिम प्रहार के लिए वो छिटक गए और युवती अपनी रिवाल्वर को लेकर उसकी तरफ बढ़ी। उसके लिए भागने या छिपने का कोई स्थान नहीं था, क्या युवती के पीछे छिपने वाले कायर आज उसका शिकार कर लेंगे? वो यही सोच रहा था तभी पुलिस पेट्रोल कार का सायरन हवा में गूँज उठा। आगे बढ़ती युवती के पांव ठिठके और वो भागकर अँधेरे में खो गई।

उसके चेहरे पर एक अजीब मुस्कान थी, अँधेरे में गायब होने में अभ्यस्त वो उस स्थान से हट चुका था और कायरों की उस कायरता पर हंस रहा था कि वो कायर एक युवती की आड़ में उसका शिकार करना चाहते थे, कदाचित इससे ज्यादा औकात ही नहीं है उनकी और वो जब चाहेगा उनका शिकार कर लेगा।


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