ह्यूमनॉइड रोबॉट्स मेकर
ह्यूमनॉइड रोबॉट्स मेकर
शालू :- ये सही नहीं है। हमनें आवाज़ उठानी चाहिए।" सूफी, सुन भी रही हो कि नहीं!!
अंगड़ाइयाँ लेते हुए सूफी ने शालू की ओर अपनी तिरछी नज़र चिपकाई। सूफी के इसी बेफ़िक्री अंदाज़ से परेशान हो उठी शालू। और तीन क़दम आगे बढ़ाते हुए मुड़ी। फिर एक बार सूफी की ओर नज़रभर के देखा। कुछ बुदबुदाना चाहा। पर, सूफी को करवटें बदलतें देख शालू अपना आपा खो चुकी।और दूसरे ही पल,
2800 वॉल्ट के स्क्रू ड्राइवर की तीखी आवाज़ें कानों के पर्दे फाड़ती हुई तेज़ होती चली गई।
पुर्ज़ा पुर्ज़ा तीतर बीतर होकर बिखरा पड़ा था।
और किसीके सिसकियाँ भर रोने की टीस सुनाई देने लगीं।
***
शाम्भवी रांझे ने अनायास ही टीवी का रिमोट अपने हाथ में लिया। और चैनल्स उलटफेर करने लगी। दूसरे हाथ में रखें न्यूज़पेपर का आख़री पन्ना पलटा ही था कि तेज़ हवा के झोंकें ने पहला पन्ना खोल दिया।
एक ही वक़्त में दो जगहों पर निगाहें टिकाने की बेहतरीन उपलब्धि ने आज शाम्भवी रांझे को @ 360° न्यूज चैनल की एक्जीक्यूटिव मैनेजर की पोस्ट दिलवाई थीं।
आज की ताज़ा ख़बर
'अंतराष्ट्रीय स्तर पर रोबोटिक्स की दुनिया में मचा तहलका' ह्यूमनोइड रोबोट 'ल्यूसी' की हत्या का आरोप लगा उसीकी हमशक़्ल 'ड्यूसी' पर!!
शाम्भवी ने डिजिटल वर्ल्ड में एक साथ कई लोगों को कॉन्फ़र्न्स कॉल से कनेक्ट कर दिया। और बहुतायत जानकारी प्राप्त कर ली।
कुछ मैसेजिस भी उसके मोबाइल स्क्रीन पर रिमझिम बरसती बारिश की बूंदों से टपकने लगें।
लिमोजिन गाड़ी की चाबियाँ बाएं हाथ में घुमाते हुए शाम्भवी अपने पैंट हाउस से बाहर निकल गई।
ड्राइवर हड़बड़ाते हुए गाड़ी की ओर लपका। और गाड़ी का डॉर खोलने की तरक़ीब सोचने लगा।
लिमोजिन की चाबियाँ ड्राइवर की ओर न फेंकते हुए शाम्भवी खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गई।
180 की स्पीड से लिमोजिन कार क्लेटर्न म्यूजियम के बाहर चीखती हुई पहुँची।
पार्किंग करवाने की ज़हेमत भी शाम्भवी ने न उठाई। और सीधे ऑफिस की ओर अग्रसर हुई।
"शेखचिल्ली बनना बंद करो अब बख्तावर।"
"क्यों! क्या हुआ?"
"बहोत हो चुका। अब बस भी करो। आख़िर कब तक?"
"मुझें बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं शाम्भवी! तुम किस सपनें की बात लिये बैठी हो!
और, क्या बंद करने की रिक्वेस्ट किये जा रही हो!!"
शाम्भवी, एकटुक अपने कलीग एवं परम मित्र बख्तावर की निग़ाहों को कुतरने लगीं। बख्तावर के जरिये कहे गए हर एक शब्द को तराशने लगीं। मानसिक तज्ञ का प्रारूप खोजने लगीं।
पर उसे रत्तीभर भी समझ नहीं आया कि, बख्तावर सच बोल रहा था या सफ़ेद झूठ!!
...
"तुम अपनेआप को सज़ा नहीं दे सकती ड्यूसी! कान्ट यू अंडरस्टेण्ड वॉट्स गोइंग ऑन हियर!?"
...
"कौन है भीतर? बख्तावर, तुमसे पूछ रही हूँ कुछ।
जवाब दो, डेम इट।"
शाम्भवी का पारा सातवें आसमान पर चढ़ने लगा। अपने एक्स बॉयफ्रेंड के घर में उसकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ शाम्भवी बाग़ी बनीं। और स्टूडियो एपार्टमेंट के बेजमेंट में भीतर घुसीं।
बख्तावर भी उसके पीछे पीछे गया।
बेजमेंट में कोहरा छाया हुआ था। धूंध को चीरती हुई शाम्भवी मोबाइल की टोर्च लाइट से काफ़ी कुछ जान पाई।और उसके सिर पर एक रॉड टकराया। सन्ननन करती आवाज़ों से स्टूडियो अपार्टमेंट गूँजने लगा।दूसरे ही पल शाम्भवी भी बिखरने लगीं।
"कोई मेरी बात क्यों नहीं सुनता है!? शाम्भवी, तुम्हें यहाँ नहीं आना चाहिए था।" अपनेआप से बातें करते हुए बख्तावर ने बेजमेंट में रखें ट्रॉलीस को सरकाना आरम्भ किया।
एक के बाद एक सातों ट्रॉलिस को उसनें टैरेस में सरकाया। सबको बारी बारी से लॉक करनें के पूर्व एक और बार चैक करने लगा।
पहली ट्रॉली को खोलने के पश्चात बख्तावर के चहरे पर हल्की सी मुस्कान उभरने लगीसातवीं ट्रॉली को भी खोलकर चैक करने के बाद लॉक करतें वक़्त उसकीं ऑंखें नम हुई।
"सॉरी शाम्भवी! तुमसे प्यार करनें के बावजूद तुम्हें दफ़नाना मेरी जरूरत है। तुमसे ही चुराई हुई तुम्हारी अफ़लातून खोजबीन ह्यूमनॉइड रोबॉटस 'ल्यूसी एन्ड ड्यूसी' पर प्रोग्रामिंग करने का दुःसाहस मेरा था। और मैं ही एकमेव शॉ मेन बनना पसंद करता हूँ।मुझें तुम्हारे अंडर में काम करना गँवारा न था, न है, और न कभी रहेगा। कतई नहीं। ट्रॉली को लॉक करने की कोशिश नाकामयाब रहीं। बख्तावर और शाम्भवी, दोनों के दरम्यान जद्दोजहद लड़ाई हुई। बेहोशी का ड्रामा करने वाली शाम्भवी ने आखिरकार जीत हाँसिल की।
और, एक और बार ह्यूमनॉइड रॉबर्ट्स 'ल्यूसी एन्ड ड्यूसी' की जुड़वां जोड़ी को इंटरनेशनल लेवल पर भारत की ओर से तिरंगा फहराने का मान प्राप्त किया।
'ल्यूसी एन्ड ड्यूसी' विश्वभर में पहले नंबर पर आयीं सॉफिया से एक क़दम आगे हैं। वे दोनों 9 भारतीय भाषाओं (हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बंगला, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मलयालम और नेपाली) और 38 विदेशी भाषाओं जैसे जर्मन और जापानी में बात कर सकती हैं।
अतःएव, दोनों बहनें, शिक्षक के रूप में इस्तेमाल की जा सकती हैं। वे स्टूडंट्स से सवाल पूछकर उनके सवालों के जवाब भी दे सकती हैं।और तो और करंट न्यूज़, होरस्कोप और एनवायरमेंट अपडेट्स भी बता सकती हैं। वे विभिन्न विषयों पर वार्तालाप कर सकती हैं और गणित की समस्याओं को भी चुटकी में हल कर सकती हैं। वे एसएमएस और ईमेल भेजने में भी सक्षम हैं।
खास बात यह भी हैं कि, वे लोगों तथा वस्तुओं को पहचानती हैं। वे कई मानवीय इशारों जैसेकि, हाथ मिलाना, मुस्कुराना, खुशी, ग़म, क्रोध और जलन जैसी भावनाओं को प्रदर्शित कर सकती हैं।
इतनी सारी खासियतों को देख, परखकर इंडियन एवं इंटरनॅशनल साइंटिस्ट्स ने शाम्भवी को बेस्ट रोबॉटिक्स मेकर्स का अवॉर्ड दियाऔर अमरीका में रिसर्च सेंटर का लाइफ टाइम मेम्बरशिप का आव्हान भी दिया 'एक भारतीय नारी करोडों पर भारी' ये कहावत चरितार्थ करने का श्रेय शाम्भवी रोंझे को मिला।
