गोलगप्पे prompt-13
गोलगप्पे prompt-13
"मम्मा गोलगप्पे खाने हैं।" पाँच वर्षीय कियाना ने गोलगप्पे के ठेले की तरफ इशारा करते हुए अपनी मम्मी अदिती से कहा। कियाना और अदिति कार में बैठे हुए, कियाना के पापा सन्देश का इंतज़ार कर रहे थे। अदिती को भी सड़क पर ठेले के पास खड़े होकर गोलगप्पे खाये एक लम्बा अरसा हो गया था। कोरोना ने २ साल में बहुत कुछ बदल दिया था। अदिती ने कियाना के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और दोनों माँ -बेटी गोलगप्पे खाने के लिए उतर गए।
कियाना को गोलगप्पे का पानी तीखा लगा और उसने एक ही गोलगप्पा खाया। अदिती को भी गोलगप्पे कुछ ख़ास पसंद नहीं आये। गोलगप्पे वाले भैया अदिती को 2 गोलगप्पे और खाने के लिए बार -बार कहने लगे। अदिती समझ रही थी कि शायद भैया को डर है कि वो उन्हें 10 रूपये नहीं देगी। भैया 10 रूपये के 6 गोलगप्पे खिला रहे थे। "भैया, यह लो 10 रूपये। हमें गोलगप्पे और नहीं खाने।" अदिति ने 10 का नोट पकड़ाते हुए भैया की दुविधा समाप्त की।
कुछ ही मिनट में सन्देश भी आ गए थे। "मम्मा और कियाना ने गोलगप्पे खा लिए।" सन्देश ने उन दोनों को ठेले क पास खड़ा देखकर कहा।
"हाँ, लेकिन गोलगप्पे अच्छे नहीं थे। कुछ अजीब सा ही टेस्ट आ रहा था।" अदिति ने कार का दरवाज़ा खोलते हुए सन्देश से कहा।
"ओह्ह, कोई बात नहीं। दूसरी जगह के खा लेते हैं।" सन्देश ने स्टीयरिंग घुमाते हुए कहा।
"नहीं, अब और नहीं खाना। अब तो घर ही चलते हैं। "
"कियाना से तो पूछ लो।" कियाना की तरफ देखते हुए सन्देश ने कहा।
"नहीं खाना।" कियाना आज के तीखे गोलगप्पे के बाद और गोलगप्पा नहीं खाना चाहती थी।
अगले दिन अदिति को पेट में कुछ गड़बड़ लगी। एक -दो मोशन के बाद वह ठीक महसूस कर रही थी। उसके दो दिन बाद ही कियाना को फीवर आ गया और लूज़ मोशन भी स्टार्ट हो गए । लूज़ मोशन 1 घंटे में 10 हो गए थे । अदिति बहुत चिंतित हो गयी थी वह कियाना को तुरंत हॉस्पिटल लेकर गयी क्यूँकि डिहाइड्रेशन का खतरा था । उसने फ़ोन पर सन्देश को इन्फॉर्म भी कर दिया था । उसे समझ नहीं आ रहा था कि कियाना की तबीयत एकदम से इतनी खराब कैसे हो गयी ।
कियाना भी एकदम उदास और थकी हुई लग रही थी। डॉक्टर ने कियाना को ड्रिप लगाई, तब तक सन्देश भी आ गया था । डॉक्टर ने बताया कि, "कियाना को किसी फ़ूड आइटम से संक्रमण हुआ है। "
तब तक अदिति को गोलगप्पे खाना याद आ गया था। उसे खुद को भी तो थोड़ा सा संक्रमण हो ही गया था। "डॉक्टर, हमने गोलगप्पे खाये थे और गोलगप्पे का पानी शायद गड़बड़ था। "
अपने मम्मी-पापा और डॉक्टर की बातें सुनकर कियाना को समझ आ गया था कि, "उसकी बीमारी की वजह गोलगप्पे थे। "
"मम्मा, अब मैं गोलगप्पे नहीं खाऊँगी। हमेशा घर का बना हुआ ही खाना खाऊँगी। अपनी बीमारी के कारण मैं खेल भी नहीं पा रही हूँ।" कियाना ने कहा।
"यस बेटू, आप हमेशा ही हेल्थी फ़ूड खाते हो। आगे से मम्मा भी ध्यान रखेगी।" अदिति ने प्यार से कियाना के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा।
"अभी आपको हेल्थी फ़ूड के साथ -साथ कुछ मेडिसिन भी टाइम से खानी होंगी ताकि आप पहले जैसे ही हो जाओ।" डॉक्टर ने कियाना से कहा।
"यस अंकल। "
कुछ ही दिनों में कियाना बिलकुल स्वस्थ हो गयी थी। अब वह हमेशा ताजे फल, सब्जियाँ, दाल, चावल, रोटी आदि हेल्थी फ़ूड खाना ही पसंद करने लगी थी।