गीतों से ज़ज्बात
गीतों से ज़ज्बात
आओ सुनाए तुमको एक कहानी ना ही इसमें राजा ना ही उसकी रानी। आज लिखते लिखते अचानक आंख भर आयी तो ऐसा लगा कि
दिल के अरमान आँसुओं में बह गए
हम वफा कर के भी तन्हा रह गए
फिर मैंने अपने आप को सम्भाला की क्या हुआ अगर अकेले रह गए हम फिर मेरे मन ने गाया -
अकेले हम अकेले तुम
जो हम तुम संग है
तो फिर क्या हम
फिर मैंने सोचा कि क्यूँ ना मंदिर जाकर अपने हम को दूर किया जाये और कुछ दुआ मांगी जाये। फिर मैंने बोला -
ओ मेरे दिल के चैन
चैन आए मेरे दिल को
दुआ कीजिए
फिर मैं मंदिर से निकली तो रास्
ता बहुत लंबा था। मैं सोचती हुई चलती जा रहीं थीं फिर मेरे मन में आया
हम हैं राही प्यार के
चलना अपना काम
पल भर में हो जाएगी
हर मुश्किल आसान
फिर मैं अपने घर पहुँची तो मेरी बेटी ने बताया कि उसने अपनी स्कूल के प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है फिर वो अपने अंदर यह गीत गुनगुनाने लगी-
आज मैं ऊपर आसमां नीचे
आज मैं आगे ज़माना है पीछे
अचानक मैंने खिड़की से देखा कि बारिश होने लगी मैंने अपने मन में ये गीत गुनगुनाया
लवली मौसम ,लवली मौसम
कसक अनजानी है मध्यम - मध्यम !