मनोरंजन क्षेत्र कल आज और कल
मनोरंजन क्षेत्र कल आज और कल
मनोरंजन का अपना ही अलग महत्व है आज भी है कल भी था और कल भी रहेगा जब एक इन्सान सारा दिन काम करके थक जाता है तो शाम को उसको अपने आप को ताज़ा करने के लिए मनोरंजन की आवश्यकता पड़ती है।पीछे के समय मे जाये तो पहले मनोरंजन का साधन रेडिओ था जिसके माध्यम से लोग अपना मनोरंजन करते थे। उस समय पर विभिद भारती नामक एक प्रोग्राम आता था। सिबाका गीत माला तो बहुत ही लोक प्रिये थी। लोग उसे सुनने के लिए रेडिओ अपने पास रखते थे। कुछ समय बाद ब्लैक और वाइट टीवी जो एक डब्बा जैसा दिखता था वो आया तो लोगो को मनोरंजन का एक और साधन मिला जिसमे चित्रहार सबसे पहले प्रसारित होने वाले सेरियल बुनियाद और हम लोग आये उसक
े बाद धार्मिक रामायण और महाभारत ने लोगो का मन मोह लिया धीरे-धीरे हमारा योग आधुनिक युग बना फिर टेप रिकॉर्ड ,वाकामन का आविष्कार हुआ जिसमे लोग अपने मन पसंद केसेट बजा सकते थे । टीवी मे कही प्रकार की फिल्मे आती थी। आगे आगे समय बदला और मनोरंजन की चीजे भी बदलने लगी और फिर सीडी , कंप्यूटर और इंटरनेट का जमाना आया। देखो देखो क्या जमाना आया एक बटन दबाते ही काम हो अपना सारा । आज कल के इस दौर मे फिल्म गीत संगीत सब मोबाइल या लैपटॉप पर ही सुन सकते है पहले की तरह टेलीफोन की लाईन मे नही खड़ा रहना पढ़ता। आज सबके हाथ मे अपने अपने फोन होते हैं आज का दौर बहुत आधुनिक युग है और आगे इससे ज्यादा होगा।