दूरियाँ
दूरियाँ
तानिया क्या तुमने इस बच्चे को देखा न जाने कहाँ पड़ा रहता है, जब - जब मैं उसे बुलाता हूँ कोई न कोई बहाना मारकर भाग जाता है.. कमलेश ने घर आते ही बच्चे के बारे में बिवी से पूछा।
अब कुछ बताओगे भी या नहीं, क्या कर दिया अब उसने? .. तानिया ने शांति से पूछा।
क्या किया? ये पूछो कि क्या नहीं किया? जो काम में उसे करने बोलू वह तो कभी नहीं करता और हमेशा कॉलेज के पास मंडराता रहता है।
अरे, उसे जो तुमने कॉलेज से दूर कर दिया तो क्यों नहीं याद आयेगी उसे।
क्या मैंने उसे दूर किया? मैंने तो भेजा था उसे अब ये कुछ पढ़ न सका तो क्या सड़ने देता उसे?
हा, हा क्यों नहीं जब उसने अपनी इच्छा जाहिर की तो आपको रास न आई। क्यों अपने विचार उसपर हमेशा थोपते रहते हो, कभी उसके जैसे होकर सोच भी लिया करो।
तुम और वह दोनों एक जैसे ही हो, मैं सोचता था कि मेरे बाद यह सारा एम्पायर वह संभालेगा। पर नहीं उसे तो आखिर मजदूर ही बनना है, क्या करेगा यह मुझे तो डर लगता है?
कुछ नहीं पर अपना पेट तो पाल ही लेगा, तुम जैसे सोचते हो वैसा बिल्कुल निहायत नहीं हैं मेरा बेटा। बस थोड़ा मानसिक त्रासदी से गुजर रहा है, देखना एक दिन बहुत बड़ा होगा वह।
तानिया मुझे हंसी आती है तुमपर जिस क्षेत्र से वह जुड़ा है न उसमें बड़ा होने के लिए साहस और संघर्ष की जरूरत है और वह तो लोगों से ही दूर भागता - फिरता है तो कहाँ से वह हिम्मत लायेगा।
नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है, बस उसे तकलीफ होती है उनके शब्दों से, बातों से इसलिए वह किसी से मिलता- जुलता नहीं सिवाय गिने - चुने दोस्तों के।
मैं कह देता हूँ तानिया अगर वह नहीं सुधरा तो मुझसे बुरा कोई नहीं.. ऐसा कहकर पैर पटकता कमलेश घर से निकल जाता है।
तानिया बस दोनों के इस वैचारिक मतभेद के बारे में सोचती रहती है, उसके लिए दिन - ब - दिन मुश्किल होता जा रहा था दोनों को संभालना। एक तरफ पति की आकांक्षा थी कि बेटा मेरे जैसा ही कुछ करे तो दूसरी ओर बेटे की स्थिति। ऐसा नहीं कि उसने कमलेश को समझाने की कोशिश की लेकिन कुछ हो न सका। कमलेश के इसी स्वभाव के कारण तो जतिन अब अकेला रहा करता है, उसका शौक ही उसे हिम्मत देता ,नहीं तो पता नहीं वह क्या करता ? बच्चे को इस अकेलेपन से दूर करने के लिए तानिया ने एक तरकीब सोची और अपनी सहेली की मदद से उसे अपने से दूर शहर भेज दिया। इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं था, वह अपनी जिंदगी में मस्त रहने लगा। एक यही रास्ता बचा था जिसके कारण वह खुद को तलाशता हुआ अपनी राह बनाता हुआ चला गया।
तानिया के इस फैसले से कमलेश को दु: ख तो हुआ मगर अपने बच्चे की एक नई दुनिया देख आनंद हुआ।
