minni mishra

Others

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चमचे

चमचे

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जूठन में पड़े सभी चम्मच आपस में बात कर रहे थे, ”यार ! गजब हाल है ! किसी का हमारे बिना काम ही नहीं चलता ! खाना, नाश्ता,चाय, कॉफ़ी, यहाँ तक कि दवा पीने के समय भी हम उनके ख्वाबगाह में मौजूद रहते हैं । लोग हमें बड़े प्यार से अपने होठों से लगाते हैं और हम पुलकित हो उठते हैं । आखिर कोमल होठों तक पहुँचने की लालसा हर किसी को रहती ही है ना !" छोटे चम्मच ने बड़े चम्मच को हँसकर बताया ।

"लेकिन ,यार! इन मतलबी लोगों का कोई भरोसा नहीं ! | जैसे ही उनका काम निकल जाता है , निर्दयी की तरह वो हमें ऐसे पटक देते हैं , जैसे मानो कह रहे हों, "जाओ ... सड़ते रहो अब.. !" तब हमारी हालत एक लावारिस लाश की तरह हो जाती है ! कभी हमें कुत्ते चाटते तो कभी दर्जनों मक्खियाँ हमारे बदन पर भनभनाते रहतीं हैं ! " सरदार चम्मच ने दुखी स्वर में सभी चम्मचों को सुनाया ।


 इस तरह चम्मचों की दर्द भरी दास्तान सुनकर... वहीं सामने डाइनिंग टेबल पर खा रहे मंत्री जी के समीप बैठे उनके कुछ मुँहलगुए चमचे में अचानक हड़कंप मच गया | सभी चमचे सशंकित मंत्रीजी के मुँह को एकटक निहारने लगे |


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