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Kumar Vikrant

Children Stories Comedy

4  

Kumar Vikrant

Children Stories Comedy

बुद्धू बक्सा/टेलीविजन

बुद्धू बक्सा/टेलीविजन

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'दादा आज मैं भी टेलीविजन पर आ रहा हूँ।' डी पी यानि ढक्कन प्रसाद छत्तर दादा के घुड़साल के विशाल बरामदे में पड़े मोढ़े पर बैठते हुए बोला।

छत्तर दादा हमेशा की तरह दोपहर के खाने के बाद की नींद ले रहा था और इस टाइम उसे नींद में किसी भी तरह का व्यवधान पसंद नहीं था। वो डी पी के आने से चिढ गया और लेटे-लेटे बोला, 'ढक्कन नींद खराब मत कर, तो अगर टेलीविजन पर आ रहा है तो कौन सी बड़ी बात है आजकल इस बुद्धू बक्से में आना कौन सी बड़ी बात है?'

'दादा डिस्करेज मत करो, जरा टेलीविजन खोलो दस मिनट बाद मैं धमाका चैनल पर नजर आऊंगा।' डी पी उत्सुकता के साथ बोला।

'चल बेटे नींद तो डिसट्रब हो ही चुकी है, चल धमाका चैनल पर तेरा कारनामा भी देख लेते है।'

घुड़साल के लगे विशाल कक्ष में दीवार पर विशालकाय टेलीविजन टंगा था।

'चल बेटे लगा दे धमाका चैनल और दिखा अपना कारनामा........' छत्तर दादा टेलीविजन के सामने रखे विशालकाय सोफे पर बैठते हुए बोला।

डी पी ने रिमोट उठाकर टेलीविजन चलाया और धमाका चैनल लगा दिया।

धमाका चैनल एक मनोरंजन चैनल था जिसपर लोकरुचि के अनेको मनोरंजक प्रोग्राम चलते रहते थे।

दस मिनट बाद जो प्रोग्राम शुरू हुआ उसका नाम था- चेहरे पर चेहरा। प्रोग्राम एक रियलिटी शो था जिसमे जानवरो के मुखोटे पहने कुछ कलाकार उन्ही जानवरो की नक़ल कर रहे थे। दर्शक दीर्घा में बैठे दर्शक भी जानवरो के मुखोटे पहने हुए थे और स्टेज पर खड़े उन कलाकारों के कारनामे देख कर बेवजह यूँही हँस रहे थे।

'अगला कारनामा है घुड़सवारी, अब दर्शक दीर्घा से एक हाथी बना दर्शक आकर हमारे घोड़े की सवारी करेगा।' प्रोग्राम का अनाउंसर जोरदार आवाज में बोला।

तभी दर्शक दीर्घा से फुटबॉल की फूला हुआ हाथी का मुखौटा पहने हुए एक गोलमटोल दर्शक लुढ़कता हुआ स्टेज पर आ धमका। उस भारी भरकम दर्शक को देखकर घोडा बना कलाकार घबरा गया लेकिन अनाउंसर ने अपना वादा निभाते हुए हाथी को मुखोटा पहने उस भारीभरकम दर्शक को मरियल घोड़े पर चढ़ा दिया। घोडा बना कलाकार कुछ देर तो उस भारीभरकम दर्शक का वजन सहन करता रहा लेकिन जब उसे वजन बर्दास्त न हुआ तो वो स्टेज पर गिरा और हाथी बना दर्शक जोरदार से तरिके से लुढ़कता हुआ स्टेज से नीचे जा गिरा और दर्शक हँसते-हँसते पागल हो गए और प्रोग्राम खत्म हुआ।

छत्तर दादा सिर खुजाते हुए बोला, 'तो बेटे हाथी का डीलडोल देखकर तो समझ आ गया कि हाथी के मुखोटे के पीछे तू ही था लेकिन मूँह के बल गिरना कौन सा कारनामा हुआ ?'

'दादा कम से कम मैं टेलीविजन पर आ तो गया.......' डी पी घमंड से भरकर बोला।

'बेटे तेरे नाम की तरह ही तेरा कारनामा बहुत महान था और इतने चैनल आने के बाद भी बुद्धू बक्सा बुद्धू ही रहा। चल अब खिसक ले ऐंवे ही नींद खराब कर के रख दी।' छत्तर दादा रिमोट से टेलीविजन बंद करते हुए बोला।


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