Aprajita 'Ajitesh' Jaggi

Drama Inspirational Others

5.0  

Aprajita 'Ajitesh' Jaggi

Drama Inspirational Others

ब्लैकमेल

ब्लैकमेल

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आज नीरा और सुकेश की सगाई है। उनकी जिद के अनुसार सगाई में सिर्फ दोनों के परिवार वाले शामिल हैं। कुल बीस एक लोग होंगे। सब खाने पीने में व्यस्त हैं और नीरा और सुकेश अपने अपने माता पिता को समझाने में। 

''क्या कहा? मंदिर में विवाह करोगे। हमारी नाक कटानी है क्या? लोग क्या कहेंगे। अरे धूमधाम से शादी करेंगे हम तुम दोनों की। सब देखते रह जाएंगे।'' अशोक जी और उनकी पत्नी अपने बेटे को समझा रहे हैं। 

"देखो बेटा शादियां तो धूमधाम से ही अच्छी लगती हैं। तुम हमारी एकलौती बेटी हो। तुम्हारी शादी ऐसे बस एक जोड़ी कपड़ों में कैसे कर सकते हैं ?" बल्लभ जी अपनी बेटी को मना रहे हैं । 

नीरा और सुकेश ने एक दूसरी की आँखों में झाँका। सुकेश मुस्कुरा कर बोला 

''लोग तो कुछ न कुछ कहेंगे ही कहेंगे। कितनी ही धूमधाम कर लीजियेगा। किसी को चाट पसंद नहीं आएगी तो किसी को गुलाबजामुन पसंद नहीं आएंगे। मैं और नीरा दोनों पिछले चार वर्षों से नौकरी कर रहे हैं। खुद के वेतन से अच्छी खासी धनराशि भी जमा कर चुके हैं। उस धन को हम एक ही दिन में ऐसे उड़ाना नहीं चाहते। जिस शहर में नौकरी कर रहे हैं वहां अपना छोटा सा फ्लैट लेंगे इन पैसों से" नीरा भी बोल पडी 

"आप लोगों ने हमारी शादी को मंजूरी दे दी है। यही हमारे लिए आपकी तरफ से सब से बड़ा तोहफा है। अब हम नहीं चाहते की आप लोग अपनी बचत के पैसे हमारी शादी पर खर्च कर दें। वो पैसे आप अपने लिए बचा कर रखें। कहीं घूमने जाने के लिए, या ड्राइवर रखने के लिए या भगवान न करे जरूरत पड़े पर अपने इलाज के लिए।"

फिर नीरा और सुकेश दोनों ने एक स्वर में निर्णय सुना दिया है 

"हम एक दूसरे के हाथों में ये सगाई की अंगूठियां तभी पहनाएंगे जब आप हमारी बात मान लेंगे। "

"ये तो ब्लैकमेल है " बल्लभ जी झुंझला कर बोले। 

"और नहीं तो क्या बस अपनी मनमर्जी कर रहे हो। कर लो जो मन आये" सुकेश के माता पिता ने भी हथियार डाल दिए हैं। 

अब नीरा और सुकेश एक दूसरे को अंगूठियां पहना रहे हैं। 

बल्लभ जी, अशोक जी और मालिनी जी भी चमकते दमकते चेहरे लिए अपने ब्लैकमैलर्स पर खुशी खुशी फूल बरसा रहे हैं।


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