बीती रात कमल दल में फूले

बीती रात कमल दल में फूले

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राजू उठो ना सवेरा हुआ .. स्कूल भी जाना है । 

ऐसे सोये रहोगे तो देर होगी । उठो ना ... 

राजू के ना उठने पर माँ गाना गाकर उठाती है । 

“ चिड़िया आई चिड़िया आई ...

 चीं चीं करती चिड़िया आई ... साथ मे दाना लाई । 

राजू उठो ना .... माँ बार बार उठाती है राजू का मन नहीं उठने का ... 

उठो मेरे लाल ...... अब आँखें खोलो, देखो सूरज भी जग गया है , 

पानी लायी हूँ .....मुंह तो धो लो ... 

बीती रात कमल दल फूले....

उसके ऊपर भँवरे झूले.... देखो देखो .. 

भँवरे है गान करते ... नित नये संगीत रचते है। 

जल्दी से राजु उठ झटपट तैयार हो कमल के फूल देखने स्कूल की और दौड़ता है ।

माँ हँसकर .. देख रही है । 



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