" अंतर्मन"
" अंतर्मन"
सम्मान समारोह में मेहमानों की भारी भीड़ देखकर सहमी हुई सी गायत्री देवी अपने पति के साथ सबसे पीछे की सीट पर बैठ गई । मानो उच्च स्तरीय मेहमानों की सभा में अपना अस्तित्व तलाश रही हो। अभी कुर्सी पर विराजमान हुई ही थी कि तभी उसके कानों में फिर से वही जानी पहचानी आवाज़ गूँजी !
" दीदी मुझे अपने पास रख लो। थोड़ी सी जगह दे दो । आपसे कितने ही दिनों से मिन्नत कर रही हूँ।" वह बारंबार विनती करने लगी।
गायत्री देवी को समझते देर न लगी कि ये वही है जो इतने दिनों से लुका छुपी का खेल ,खेल रही है। उसका इस तरह अचानक सबके बीच में आना अखर रहा था । गायत्री देवी ने फिर भी अपने आप पर संयत रखते हुए उसे छुटकारा पाना चाहा और उसे दुत्कारते हुए कहने लगी ,"अरे चल हट ....! खबरदार जो तूने अपने बेगैरत मुँह से मेरे पति का नाम भी लिया तो ? मेरी इज्जत की धज्जियाँ उड़ाएगी क्या ? चल हट जा यहां से ! देखती नहीं कितना बड़ा समारोह है ? यहां हमारी संगत मेल नहीं खाती।"
"नहीं दीदी ! मैं तुम्हारी बहुत सेवा करूंगी । तुम्हारे पति का ख्याल रखूंगी । सच दीदी मेरा विश्वास करो। मेरी पहुँच बहुत ऊपर तक है । तुम्हारे पति की बहुत तरक्की होगी ।"पर गायत्री देवी को अपनी जगह से टस से मस ना होते हुए देखकर वो थोड़ा झल्लाते हुए बोली , " लगता है तुम्हारी आँखों पर पर्दा पड़ गया है। देखती नहीं उन अमीरी की शान में लिपटे लोगो को ? अपने लिए ना सही कम से कम अपने बच्चों के लिए तो सोचो ? क्या तुम उन लोगों जैसा नहीं बनना चाहती? "
गायत्री देवी को भी एक पल के लिए लगा, 'शायद ये सही कह रही है ! सचमुच मैंने अपना जीवन इतनी सादगी में गुजार दिया और मेरे बच्चे भी खुशियों से वंचित रह गए। वहीं मेरे पति के साथ काम करने वालों की कितनी तरक्की हो गई।'
इन्हीं ख़यालो में खोई थी तभी स्टेज पर गायत्री देवी के पति का बड़े ही आदर सम्मान के साथ नाम पुकारा गया। उन्हें अपने कार्य क्षेत्र में ईमानदारी एवं उत्कृष्ट कार्य हेतु सर्टिफिकेट एवं मेडल से नवाजा जा रहा था। पूरी सभा तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठी । सब बधाई देने पहुँचे।उनके साथ कुछ लोग तस्वीरें खिंचवाने को आतुर हो रहे थे तो कुछ ऑटोग्राफ के लिए । पत्रकारों की तो इंटरव्यू के लिए भीड़ लग गई थी । गायत्री देवी यह सब देख मन ही मन गर्वान्वित महसूस करने लगी । अपने पैरों में पड़ी लोभ रूपी महिला को झटकते हुए वह स्टेज की तरफ बढ़ गई , अपने पति को बधाई देने के लिए !