Ramashankar Roy 'शंकर केहरी'

Others

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Ramashankar Roy 'शंकर केहरी'

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अकाय - पार्ट 11

अकाय - पार्ट 11

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सत्यम अभी सोंच ही रहा था कि अपने मृत्युदाता के साथ कैसा व्यवहार करे ! ऐसा मौका बहुत कम लोगों को मिलता होगा कि जिसके कारण उसकी अकाल मृत्यु हुई हो उससे मुलाकात भी हो और उसको वह दंडित करने में सक्षम भी हो। वह अभी कशमकश में ही था तबतक गली से निकलती बुलेट मोटरसाइकिल उस कार से टकरा गई। इसमे शायद दोनो की गलती थी या दोनो निर्दोष थे। इसे मात्र एक संयोग भी कहा जा सकता है। बाइक वाला नीचे गिर गया और उसे मामूली खरोच आई। कार में भी डीप डेंट मार्क आ गया । लेकिन कार वाले को बाइक वाले कि जान बच जाने की खुशी नहीं थी उसको अपनी कार में लगी डेंट की चिंता थी। उसने थोड़ी दूरी पर ही कार रोका और भदी गालियां देते बाइक वाले की तरफ बढ़ा । राहगीर और अगल बगल के लोगों ने बाइक सवार को उठाया । कोई गम्भीर चोट नहीं थी लेकिन बुलेट से मामूली एक्सीडेंट भी नुकसान ज्यादा पहुँचाती है। उसको फिलहाल उठकर चलने मे दिक्कत थी। लोग उसको एक चाय की दुकान पर बिठाकर पानी दे रहे थे।

तभी कार चालक वहाँ पहुँचा और उसका कुशलक्षेम पूछने की जगह उसको भदी-भदी गालियां निकालने लगा।अपनी कार की हुई नुकसान की भारपाई की माँग करने लगा। भीड़ में ही खड़े एक आदमी ने बोला तुमको मालूम है किसके सामने ऊंची आवाज में बात कर रहा है और किसको घायल किया है ? यह हमारे कॉर्पोरेटर हैं। यदि इस शहर के हो तो "पब्लिक हाल्ट" का नाम तो सुना ही होगा यदि बाहर के हो तो अभी जान जावोगे। 

पब्लिक हाल्ट का नाम सुनते ही कई लोगों के मुँह से एक साथ निकला यही पब्लिक हाल्ट जी हैं। फिर क्या था भीड़ ने उस कार वाले की धुलाई शुरू कर दी। अब वह अपनी जान की भीख मांग रहा था।

इतने में किसी ने पुलिस को फोन कर दिया । उसने यह भी बता दिया कि पब्लिक हाल्ट को इस दुर्घटना में चोट आई है। थाना इंचार्ज कपीश ठाकुर संयोग से कॉर्पोरेटर का मित्र था और दूसरी बात यह थी कि मामला पब्लिक हाल्ट से जुड़ा था । इसमे थोड़ी सी असावधानी इलाके में अशांति का कारण बन सकती है। वो तो अच्छा है कि यह घटना उसके अपने मुहल्ले आजाद नगर में नहीं हुई है। ठाकुर की टीम के वहाँ पहुँचने तक भीड़ ने कार चालक का कचूमर निकल दिया था। ठाकुर ने उसे भीड़ के हाथ से अलग कर पुलिस घेरे मे लिया। पब्लिक हाल्ट को अपनी गाड़ी में बिठाकर हॉस्पिटल भेज दिया। तभी धाकड़ सिंह भी वहाँ पंहुँचे ।सब बात जानने के बाद कार वाले को देखा और तुरंत बोले "यही वो आदमी है जिसने कुछ समय पहले थोड़ा आगे एक लड़के को उड़ाया था और उसकी ऑन द स्पॉट मृत्यु हो गयी थी। मैं उसका चश्मदीद हूँ । यह घटना मेरे आँखों के सामने पलक झपकते हो गयी थी। उस समय मैं वहीं खड़ा होकर एक आदमी का इंतजार कर रहा था और वो भी कार से ही आनेवाला था। अतः हर गाड़ी को मैं ध्यान से देख रहा था। उसी समय वह दुर्घटना घटी और मेरी नजर में इसका चेहरा कैद हो गया। दूसरा कारण इसके कार का रंग है जो कैडबरी के रैपर के रंग का है।"

मन ही मन सत्यम ने धाकड़ जी को धन्यवाद किया। क्योंकि उसकी मौत की फ़ाइल जो बंद हो गयी थी अब फिर से शुरु हो जाएगी। वो तो एक साधारण परिवार का साधारण लड़का था उसके मर जाने से किसी को क्या अंतर पड़ना था । लेकिन आज वही आदमी पब्लिक हाल्ट के केस में गिरफ्त में आया है तो उससे सब हिसाब बराबर होगा। सत्यम की दिलचस्पी इस घटना में बढ़ गयी क्योंकि यही व्यक्ति उसके अंत का कारण था और ऐसे घूम रहा था जैसे कुछ किया ही नहीं हो।

पुलिस ने जब उस व्यक्ति और उसके कार की तलाशी ली तो गाड़ी में से एक रिवाल्वर और दो दर्जन जिंदा कारतूस मिला ।उसके पर्स से दो आधार कार्ड मिला। एक मे उसका नाम अकबर शेख और दूसरे में अभय सिंह था। अब ठाकुर की नजर में वो कोई मामूली अपराधी नहीं बल्की जुर्म की दुनिया की बड़ी मछली नजर आने लगा। उसकी गाड़ी को जब्त कर थाने भेज दिया गया और उसका मेडिकल चेक अप कराकर थाने ले जाया गया।

उधर पब्लिक हाल्ट के लोगों को जब घटना की जानकारी मिली तो सब थाने पहुँचने लगे और ठाकुर से कहा कि उसको हमारे हवाले करो उसने हमारे नेता को गाली कैसे दिया ? हम हिसाब करेंगे इसका । स्थिती बिगड़ता देख ठाकुर को लगा कि अब केवल पब्लिक हाल्ट ही इस सिचुएशन को संभालने में मदद कर सकता है। उसने उनसे बात किया फिर पब्लिक हाल्ट के कहने पर उनके लोगों ने थाने का घेराव छोड़ा।

पब्लिक हाल्ट उर्फ गौतम सिंह , उम्र चालीस के लपेटे मे और अच्छी कद काठी एवं आकर्षक व्यक्तित्व का धनी है। एक बाहुबली के रूप में उसका खौफ है लेकिन आमलोगों का हितैषी है। कोई भी जरूरतमंद उसके पास से खाली हाथ नहीं लौटता है।दूसरी तरफ पूरे इलाके में कोई भी कानूनी - गैरकानूनी काम उसको हप्ता दिए बिना नहीं चल सकता है।हमेशा सफेद पैंट शर्ट और सफेद चपल पहनता है।आँख पर रेबन का काला चश्मा ,गले मे मोटी सोने की चेन तथ रुद्राक्ष का माला और हाथ मे पांच तोले का ब्रासलेट पहनता है। हमेशा मुस्कुराते रहता है।इसके चलते किसी को भी समझ मे नहीं आता की वह किस बात पर नाराज हुआ और किस बात पर खुश हुआ। उसके आदेश का पालन होने में जो भी बाधा डाला उसको उसका कोप भाजन बनना ही पड़ेगा। उसकी रोबिनहूड इमेज के चलते किसी भी पार्टी के नेता उससे सीधे दुश्मनी नहीं करते थे । दूसरी बात उसकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं थी। लोगों ने जबरदस्ती उसको कॉर्पोरेटर बना दिया था क्योंकि उसके खिलाफ कोई खड़ा ही नहीं हुआ । उसके दोस्तों की संख्या दुश्मनों से ज्यादा थी। मदद करने में वह कभी भेद भाव नहीं करता था। इसके चलते लोग उसको "पब्लिक हाल्ट" के नाम से पुकारते थे। किसी भी समय उसका दरवाजा सबके लिए खुला रहता है। वह बिना सिक्योरिटी के घूमता है और कहता है हमारे लोगों के रहते हमको कोई नहीं मार सकता है। पुलिस वाले भी मदद के लिए उसके दरबार मे हाजिरी लगाते हैं। उसके लोगों को उसके न्याय पर कोर्ट के न्याय से ज्यादा भरोसा है।

मरहम पट्टी के बाद जब अकबर को थाने लाया गया तो कपीश ठाकुर का इंट्रोगेशन शुरू हुआ । ठाकुर की परखी नजर में इस आदमी के तार किसी बड़े सिंडिकेट / गिरोह से जुड़े होने चाहिए। सत्यम भी इंटेरोगेशन रूम में पहुँच गया । वहाँ ठाकुर की पुलिसिया पूछताछ जारी थी।

ठाकुर - तुम अपनी रियल आइडेंटिटी बतावो, तुम्हारे पास यह दो आधार कार्ड क्यों है ?

अकबर चुप ,कोई प्रतिक्रिया नहीं, चेहरा एकदम भावहीन !

ठाकुर का शक अब यकीन में बदलने लगा कि यह बहुत ही शातिर और मंजा हुआ मुजरिम है । केवल थर्ड डिग्री ही इसको तोड़ सकता है। यह अब कोई मामूली सा रोड-रेज का मामला नहीं है ।

ठाकुर - देखो ,जो भी पूछ रहा हूँ उसका सही जबाब दो नहीं तो मैं तुमको हवलदार बबलू त्यागी के हवाले कर दूँगा । उसको टॉर्चर के बहुत तरीके आते हैं । उसके बारे में लोग कहते हैं कि वह दी हुई गाली दुबारा नहीं देता है और हमेशा नए ढंग से टॉर्चर करता है। उसको कई जगह से इस काम के लिए बुलावा आता है। उसने टोर्चेरिंग में पीएचडी किया हुआ है । इसके चलते उसको डिपार्टमेंट में डॉक्टर टॉर्चर भी कहा जाता है।

ठाकुर के इस बात का अकबर पर कोई असर नहीं हुआ । उसने सधे स्वर में कहा "मुझे आप टॉर्चर नहीं कर सकते। मुझे मेरे वकील से बात करावो। मेरा मोबाइल मुझे दो ।"

ठाकुर - तुम मुझे कानून मत सिखावो , मैं क्या कर सकता हूँ और क्या नहीं कर सकता हूँ यह मत बतावो। तुम सिर्फ अपनी असली पहचान बतावो। मैंने तुमको अभी तक गिरफ्तार ही नहीं किया है तो कानूनी मदद कैसे ले सकते हो। यदि तुम हमारे काम के नहीं निकले तो ले जाकर पब्लिक हाल्ट के लोगों के हवाले कर देंगे । फिर तुम्हारा हिसाब हो जाएगा।

बगल में खड़े सिपाही को बोला जाकर डॉक्टर टॉर्चर को बुलाओ । सिपाही "जी साहब" बोलकर बाहर निकल गया। इधर पब्लिक के मार से अधमरा हुआ अकबर इंटेरोगेशन रूम में चेयर से बंधा बैठा था। एकदम भावहीन चेहरा जैसे कुछ हुआ ही न हो । वह कहाँ बैठा है इसका उसपर कोई प्रभाव नहीं है।

तभी हवलदार बबलू त्यागी ने इंटेरोगेशन रुम में प्रवेश किया और ठाकुर से पूछा "टॉर्चर का हिंसक तरीका प्रयोग करना है या अहिंसक ?"


ठाकुर - हमलोग गाँधी के देश के हैं जहाँ तक संभव हो अहिंसा का ही रास्ता अपनाते हैं। यदि काम नहीं बना तो पूर्वजों ने तो बताया ही है- "सठम साठयम समाचरेत" ।

त्यागी ने दोनो हाथ जोड़कर अकबर को प्रणाम किया और कहा "हे आत्मन मैं आपको कोई कष्ट नहीं देना चाहते हैं यदि मेरे कर्तव्य निर्वहन के समय मुझसे कोई अशिष्टता हो जाए तो मुझे माफ़ करना ।मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप साहब के सवालों का जबाब यथाशीघ्र देने की कृपा करें।यदि मैंने पूछना शुरू किया तो आपको कठिनाई भी होगी और सही जबाब भी देना पड़ेगा। "

ऐसा बोलते हुए वह उसके चेहरे पर नजर गड़ाए हुए था । लेकिन अकबर का चेहरा सपाट बना रहा, कोई प्रतिक्रिया नहीं । फिर त्यागी ने अकबर के सर से चार बाल उखाड़ कर उसके नाक मे घुसेड़ दिया । अब अकबर बुरी तरह छटपटाने लगा लेकिन उसकी छटपटाहट का त्यागी पर कोई असर नहीं हुआ।उसने उसके हाथ से दो रोंआ उखाड़कर उसके दोनो आँखों मे दाल दिया। अब वह गिड़गिड़ाने लगा और कहने लगा मैं सबकुछ बताने को तैयार हूँ।

अकबर - मैं एक ड्रग डीलर हूँ और अपना कारोबार इस लालपुर में फैलाना चाहता हूँ। इसी सिलसिले में यहाँ पर आता जाता रहता हूँ । मैं डी कंपनी से जुड़ा हूँ । त्यागी उसके चेहरे के हावभाव का अवलोकन एक समुद्रशास्त्री की तरह कर रहा था। उसने जब बोलना बंद किया तो त्यागी ने कहा कि अभी तुम कुछ छुपा रहे हो । पूरी बात बतावो नहीं तो फिर तुम्हारे नाक में बाल घुसेड़ दूँगा । जैसे ही बाल लेकर उसकी तरफ बढ़ा उसने हाथ से रुकने का इशारा किया और आग्रह किया कि आँख में से बाल निकाल दो बहुत तकलीफ हो रही है।

फिर त्यागी ने एक बड़े बर्तन में पानी मंगाया और उसको पानी में आँख खोलकर देखने को बोला ।उसके आँख से बाल निकलते ही उसको राहत महसूस हुई। तबतक बाल त्यागी के हाथ मे ही था । उसपर नजर पड़ते ही वह भूत की तरह बकने लगा। अभी भी ड्रग्स का एक कन्साइनमेंट मेरी गाड़ी में मौजूद है।

ठाकुर ने आश्चर्य से पूछा कहाँ पर छुपा रखा है? हमे तो तलाशी में कुछ भी नहीं मिला।


अकबर - वह कार के दरवाजे में स्पेशल खाँचा बनाकर छुपाया हुआ है ।

उसके बताए अनुसार जब दरवाजे के भीतर से ड्रग निकला गया तो लगभग पचास लाख का ड्रग बरामद हुआ। अब यह मामला बहुत ही गंभीर हो गया क्योंकि ड्रग के साथ -साथ एक किलो RDX भी मिला था। ठाकुर का अंदाजा सही निकला की यह जुर्म की दुनिया की महत्वपूर्ण मछली हाथ लगी है। इसके बाद पेपर फॉर्मेलिटी पूरा करके उसको स्पेशल सेल में बंद कर दिया गया। का पर ठाकुर ने सभी सम्भव धारा में एफ आई आर दर्ज किया । पुलिस प्रक्रिया से इस बात की सूचना NIA और CBI तथा पुलिस मुख्यालय को भेज दी गयी।

सत्यम के लिए भी यह नया रहस्य था की उसकी अकाल मृत्यु का कारण एक पेशेवर मुजरिम था और अब उसको अंजाम भुगतना पड़ेगा।उसके पकड़े जाने से उसको संतोष हुआ । लेकिन इसमें पूरा दिन निकल गया और वह अपने घर तक नही पहूँच पाया था ।

थाने से निकलकर वह मंथर गति से अपने घर की तरफ बढ़ चला ।रास्ते में जाने पहचाने लोगों को ढूंढता वह आगे बढ़ता रहा । वह यही सोच रहा था की इतनी रात को वह राधा से नहीं मिलेगा। कल सुबह ही उसको मिलेगा और आज रात को अपने घर में विश्राम करेगा।

उसका अब कर्मविधान यकीन और पुख्ता हो गया ।आप जो भी करेंगे उसका परिणाम देर सबेर आपके हिस्से आना तय है। उसको रवि की उस बात का मतलब समझ मे आया कि एक आदमी भूकंप में अपने नए घर के ध्वस्त हो जाने पर क्यों मिठाई बाँट रहा था । गृह प्रवेश के मुहूर्त से एक दिन पहले ही उसका घर नष्ट हो गया।सभी परिचित जब शोक व्यक्त करने उसके पास पहुँचे तो वह सबको लड्डू खिला रहा था। सबलोग आश्चर्यचकित थे कि इसको इतना बड़ा नुकसान हो गया और यह मिठाई बाँट रहा है। किसी परिचित ने पूछा तुम इतना बड़ा नुकसान होने के बाद मिठाई क्यों बाँट रहे हो?

उसने मुस्कुराते हुए कहा भगवान की कृपा का आभार व्यक्त कर राह हूँ। यदि यह भूकंप दो दिन बाद आता और घर इसी तरह क्षतिग्रस्त होता तो मेरा पूरा परिवार ही समाप्त हो जाता।उसके सामने तो यह नुकसान तुक्ष है। हमेशा सकारात्मक सोंचो और जो भी हुआ उसमे खुशी ढूंढ लो जीना आसान हो जाएगा।क्योंकि होनी पर तो किसी का नियंत्रण नहीं है। लेकिन अपने प्रतिक्रियात्मक व्यवहार पर नियंत्रण रखकर बहुत सारी अवांक्षित संभाव्य से बचा जा सकता है।


क्रमशः ---------------




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