21 जून 2021-7 वां योग दिवस
21 जून 2021-7 वां योग दिवस
आज की आभासी बैठक ( वर्चुअल मीटिंग ) में पारस्परिक अभिवादन के साथ- साथ सभी ने एक दूसरे को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दीं। आज 21 जून 2021 को सातवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने के पूरे विश्व से समाचारों की संक्षिप्त चर्चा ओमप्रकाश ने की। ओमप्रकाश ने बताया कि हम सब जानते हैं कि युग की शुरुआत हमारे देश से ही हुई प्राचीन समय में लोग योग को अपनाकर स्वस्थ और दीर्घ जीवन जीते थे। उद्घाटन इसके साथ ही साथ सबको इस तथ्य से भी अवगत कराया। उत्तरी गोलार्ध में 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। इस दिन सूर्योदय काफी पहले और सूर्यास्त काफी बाद में होता है एक ही सुन को लगभग चौदह घंटे का दिन होता है। किस दिन सूर्यातप काफी प्रभावी होता है शायद इसलिए ही इस दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चुना गया। संयुक्त राष्ट्र संघ में 21 जून को योग दिवस मनाने का प्रस्ताव भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र जी मोदी ने 27 सितंबर 2014 को अपने संबोधन के माध्यम से रखा था। यह एक बड़ा ही सुखद और आश्चर्यजनक पहलू है कि यह एक ऐसा प्रस्ताव था जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ में काफी कम समय अर्थात लगभग 90 दिन में मंजूरी मिल गई थी। भारतीय प्रधानमंत्री की इस तहलका 177 देशों ने समर्थन किया था संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69 वे सत्र में इस आशय के प्रस्ताव को लगभग सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया था 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्यों द्वारा 2 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने को के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। इस मंजूरी के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को सारे विश्व में बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
इसके बाद अपने विचार व्यक्त करने की बारी रीतू की थी। रितु ने सब को बताया कि कुछ लोग इसे किसी संप्रदाय विशेष की भावनाओं के विरुद्ध बताते हैं। उनका कहना है कि योग में ओ३म् का उच्चारण और सूर्य नमस्कार किसी विशेष धर्म के की भावनाओं के अनुरूप नहीं है। यहां आप सब की जानकारी के लिए मैं यह बताना चाहूंगा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में जिन देशों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में अपनी सहमति दी थी उनमें से 40 मुस्लिम देश भी थे जिन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र जी मोदी के इस प्रस्ताव का समर्थन किया था।योग कीप्रक्रिया में आसन और प्राणायाम जैसी क्रियाएं व्यक्ति को स्वस्थ रखने में बड़ी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है इसलिए किसी भी धर्म संप्रदाय के मामले में योग को घसीटा नहीं जाना चाहिए। योग शरीर के साथ-साथ मन - मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में भी फिजियोथेरेपी के माध्यम से क्या जाने वाला अभ्यास किसी विशेष योग का ही अभ्यास होता है। योग व्यक्ति को प्रकृति से जोड़कर स्वस्थ रहने का मार्ग प्रशस्त करता है ।प्रकृति के विविध जीव जंतु जिन मुद्राओं में रहकर स्वस्थ रहते हैं उन्हीं के नाम पर विविध योग और आसनों का नाम रखा गया है। जैसे भुजंगासन, शशकासन, कुक्कुटासन, मयूरासन,गोमुखआसन, भुजंगासन, मर्कटआसन आदि और इसके अलावा अन्य आसनों में वृक्षासन, ताड़ासन, धनुरासन, नौकासन आदि आसनों की मुद्राएं शरीर को लचीला स्फूर्ति भरा और निरोग बनाती है। योग मानसिक शांति, जीवन के प्रति उत्साह, ऊर्जा संचार करते हुए मनुष्य में सकारात्मकता बढ़ाते, हुए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि करता है। योग के अभ्यास को तनाव भरे जीवन से मुक्ति पाने के लिए सर्वोत्तम विधियों में से एक माना गया है। युग केवल शारीरिक व्यायाम ही नहीं माना गया है बल्कि योग तो जीवात्मा का परमात्मा से पूर्णतया मिलन माना गया है। योग मन और मस्तिष्क को शुद्धता प्रदान कर शरीर को विविध व्याधियों से मुक्ति प्रदान करता है। यह व्यक्तिगत चेतना को मजबूती प्रदान करता है । नियमित रूप से करने पर मनुष्य बहुत सारी बीमारियों से बचा रहता है और यदि हमें कोई बीमारियां घेर भी लेती हैं तो योग के माध्यम से हम इन बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं वस्तुतः योग जीवन जीने का एक सशक्त माध्यम है।
अपनी बारी आने पर आकांक्षा ने सभी को जानकारी दी कि अधिकांशत: योगा के संगीत के साथ किए जाने से तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम आते हैं । आजकल साउंड और वाइब्रेशन योगा बहुत ही लोकप्रिय हो रहा है ।इसमें एक बाउल के जरिए साउंड और वाइब्रेशन पैदा किया जाता है ।इस तरह का योगा डिप्रेशन और स्ट्रेस को दूर करने में काफी सहायक है। वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 20-20 की थीम ' घर में रहते हुए अपने परिवार के साथ योग करना '। जबकि ' स्वास्थ्य के लिए योग ' इस वर्ष 21 जून, 2021 को मनाए जाने वाले सातवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है।
प्रीति ने भी अपनी बारी आने पर सभी को संबोधित करते हुए कहा कि केवल बातें करने से कुछ नहीं होता हमें ।योग को अपने जीवन का एक नियमित हिस्सा बना लेना चाहिए । योग का अर्थ ही होता है जोड़ना तो हमें अपनी दिनचर्या में इसे हर हाल में जोड़ लेना चाहिए। जिस योग की शुरुआत हमारे देश से ही हुई और आज यह पूरे विश्व में लोकप्रिय है । यह हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए हमें विभिन्न बीमारियों से बचाता है। यदि हम गंभीरता से विचार करें तो यह दुखद पहलू हमें देखने को मिलता है कि हमारे देश में जागरूकता बढ़ी तो अवश्य ही है लेकिन अभी भी बहुत सारे लोग नियमित योग न करके अनेकानेक बहाने बनाते हुए नजर आते हैं ।योग को हम सभी को अपनी दिनचर्या का एक नियमित हिस्सा बना लेते हैं तो बीमारियां हमारे पास भटकेगी ही नहीं। तो हम केवल अपने वाद- विवाद और भाषण तक इसे सिर्फ तक सीमित न रखें बल्कि इसे अपने जीवन में व्यावहारिक रूप से भी लागू करें ।यही योग दिवस का सम्मान और मुख्य उद्देश्य होगा।
सभी ने प्रीति द्वारा सुझाए गए के अनुसार योग को अपनी दिनचर्या का अपरिहार्य अंग बनाने का संकल्प लिया और और एक दूसरे को पुनः सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाओं के साथ एक दूसरे का अभिवादन किया। नियमित रूप से अगले दिन इस आभासी मीटिंग के माध्यम से जुड़ने का संकल्प व्यक्त करते हुए बैठक से विदा ली।
