16 जून 2021
16 जून 2021
थोड़ी देर पहले राहत के घर से लौटा हूँ।बिरजीस आंटी ने राहत के डी.एस.पी. बनने की ख़ुशी में दावत पर बुलाया था। राहत के नज़दीकी रिश्तेदारों के अतिरिक्त केवल हम लोगों को और सौरभ के परिवार को आमंत्रित किया गया था। बहुत दिनों बाद मैं किसी के घर गया था। सीमा के साथ मैं शाम को ही पहुँच गया था। मुझे देर तक चलने या बैठने की अनुमति नहीं है इस लिए शहला ने मेरे लिए एक अलग बिस्तर का इंतिज़ाम कर रखा था। अधिक तर मैं लेटा ही रहा।
अनुष्का, अनिल और ममता भाभी एक साथ पहुंचे थे। थोड़ी देर बाद सौरभ और अनुभव भी आ गए थे। सुनील भय्या सब से बाद में पहुंचे। भय्या अंतर्मुखी प्रकृति के हैं। उन्हें लोगों से अधिक मिलना मिलाना अच्छा नहीं लगता है।
राहत के परिवार से हम लोगों के बहुत पुराने संबंध हैं। मेरे और राहत के पापा सचिवालय में जॉइन्ट सेक्रेटरी थे। राहत के पापा शायर भी थे। मेरे पापा को भी शेर-ओ-शाइरी में दिलचस्पी थी। दोनों के समान शौक़ ने उन्हें एक मन दो तन कर दिया था। बिरजीस आंटी मेरे पापा की राखी-बहन थीं। राहत के पापा का एक सड़क दुर्घटना में देहांत हो गया था। उस समय राहत सोलह वर्ष का था। नसीम अंकल की मृत्यु के बाद बिरजीस आंटी को सरकारी घर छोड़ना पड़ा था। मेरे पापा ने उन्हें अपने मकानों में से एक मकान रहने के लिए दे दिया था। पापा उनसे किराया नहीं लेना चाहते थे लेकिन वह लोग बिना किराए के रहने के लिए तय्यार नहीं थे इस लिए पापा थोड़ा बहुत किराया लेने लगे थे। दो साल यह लोग वहीं रहे। उसके बाद उन्होंने अपना घर बनवा लिया। हमारे पापा की मृत्यु के बाद बिरजीस आंटी ने हम लोगों का बहुत ध्यान रखा। भाभी के घर में आने से पहले सीमा बिरजीस आंटी को ही अपनी मम्मी समझती थी। उसने अपनी मम्मी को तो देखा ही नहीं था।
मैं कहाँ पुरानी बातें लेकर बैठ गया। कहीं मेरी मृत्यु बहुत निकट तो नहीं है? कहते हैं मरने वाला कुछ दिन पहले पुरानी बातों को याद, करने लगता है, उसको मरे हुए निकट संबंधी याद आने लगते हैं। वह बहकी बहकी बातें भी करने लगता है। इसके शुद्ध वैज्ञानिक कारण हैं। जब शरीर कमजोर होने लगता है तो उसका प्रभाव मस्तिष्क के फ़्रन्टल लोब पर भी पड़ता है जहां पुरानी यादें सुरक्षित होती हैं। स्मरण शक्ति से संबंधित यह भाग असामान्य रूप से काम करने लगता है जिससे पुरानी बातें याद आने लगती हैं।
लड़के की नौकरी हो जाए तो तुरंत शादी की बात होने लगती है।
सीमा ने कहा, "राहत भय्या अब शादी की मिठाई कब खिला रहे हैं।"
भाभी बोलीं, "बिरजीस, राहत के लिए कोई लड़की देखी है?"
बिरजीस आंटी ने कहा, "लड़कियां तो घर में ही बहुत हैं लेकिन पहले शहला की शादी हो जाए फिर इनके लिए सोचेंगे।"
शहला तुनक कर बोली, "मम्मी, जहां होता है आप मेरी शादी की बात छेड़ देती हैं। जब तक मैं अपने पैरों पर नहीं खड़ी हो जाती मैं शादी नहीं करूंगी।"
बिरजीस आंटी ने कहा, "तुम तो जानती ही हो शहला की शादी इसके बड़े अब्बा के लड़के से तय है। वह लोग लंदन में हैं। हारिस वहीं से एम.बी.ऐ. कर रहा है। भाई साहब ने कह रखा है कि हारिस का एम.बी.ऐ. पूरा होते ही वह इन लोगों की शादी कर देंगे और शहला की आगे की पढ़ाई लंदन में हीं करवाएंगे.
शहला ने कहा, "मैं अपनी शादी तभी करूंगी जब सीमा की होगी।"
राहत ने कहा, "इन दोनों का हर काम साथ साथ ही होना ज़रूरी है।"
बिरजीस आंटी बोलीं, "इनका बस चले तो दोनों एक ही दूल्हे से शादी कर लें।"
मैंने कहा, "बिरजीस आंटी मैं पहले ही कह चुका हूँ। शहला की शादी मैं करूंगा। शहला और सीमा की शादी एक ही दिन होगी।"
मेरी बात सुनकर दोनों एक साथ बोल पड़ीं, "बिल्कुल नहीं।"
सब लोग हैरत से इनका मुंह देखने लगे। मैं सोचने लगा कि कहीं मेरे मुंह से कोई ग़लत बात तो नहीं निकल गई है। हम लोगों को हैरत में देख कर सीमा बोली, "आप लोग हैरत में क्यों पड़ गए?"
फिर आगे बोली, "हम लोगों की शादी अगर एक ही दिन होगी तो हम लोग एक दूसरे की शादी का मज़ा कैसे लेंगे?
सब लोग ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे।
अनुष्का ने कहा, "देख लीजिये आंटी। वैसे तो यह लोग शादी के लिए नहीं नहीं कर रहे हैं लेकिन शादी का मज़ा लेने की तैयारी अभी से कर चुकें हैं।"
मेरे परहेज़ी खाने में भी चार चीज़ें थीं। सभी बहुत अच्छी थीं। बिरजीस आंटी के मज़ेदार क़ीमें के कबाब की जगह कटहल के कबाब ही खाना पड़े। मैंने चिकन क़ोरमें की ओर हाथ बढ़ाया लेकिन सीमा ने रोक दिया। मुझे केवल शोरवे से ही संतोष करना पड़ा।
बहुत दिनों बाद घर के बाहर निकला था। बहुत अच्छा लगा।अनुष्का दवाएं देकर जा चुकी है अब मैं सोने जा रहा हूँ।
