04 जून 2021
04 जून 2021
भय्या, भाभी, सीमा और अनिल सवेरे पाँच बजे कानपुर के लिए निकल गए। आज अनुष्का के भाई अनुज का विवाह है। कल सवेरे इन लोगों की वापसी का प्रोग्राम है लेकिन मैं जानता हूँ कि यह लोग दोपहर से पहले नहीं लौट पाएंगे। अनुष्का भी इन्हीं लोगों के साथ आएगी।
सब लोग मुझे राहत के भरोसे छोड़ गए हैं। राहत ने मुझे कभी भी छोटे भाई की कमी नहीं महसूस होने दी। सवेरे से अब तक दो बार पेशाब की थैली और एक बार डाएपर बदल चुका है। जब राहत मेरा डाएपर बदल रहा था तो मैं सोच रहा था कि मेरे भतीजे अनिल को पेशाब की थैली बदलने में भी कितनी घिन आती है और राहत मेरे डाएपर भी कितने सेवा भाव से बदल रहा है। वह यह सेवा किसी विवशता के कारण नहीं अपितु मानवता एवं व्यक्तिगत संबंधों के कारण कर रहा है। मुझे राहत के स्वाभिमान एवं आत्मसम्मान की दो घटनाएं याद आ रही हैं।
राहत ने पहले ही प्रयत्न में नीट निकाल लिया था लेकिन पैसों की कमी के कारण एम.बी.बी.एस में प्रवेश नहीं ले पाया था। मेरे लिए उसे एम.बी.बी.एस कराना कौन से बड़ी बात थी लेकिन वह पैसे लेने के लिए तैयार नहीं हुआ। उसने कहा कि भय्या कोई ज़रूरी नहीं कि हर एक डॉक्टर ही बने। मैं और दूसरी परीक्षाओं में बैठूँगा और मुझे पूरा विश्वास है कि यदि आई.ए.एस. नहीं निकाल पाया तो पी.सी.एस. तो अवश्य निकाल लूँगा। इस बीच मैं एम.आर का काम करके अम्मी और शहला कि देख भाल कर लूँगा। उसके अब्बू नहीं हैं। शहला उसकी बहन है जो आयु में सीमा के बराबर है। राहत ने पहली कोशिश में ही पी.सी.एस. की लिखित परीक्षा पास कर ली है और कुछ दिन पहले ही उसने साक्षात्कार भी दिया है। जल्दी ही परिणाम आने वाला है। मुझे पूरी आशा है की वह साक्षात्कार भी निकाल ले जाएगा। राहत में बस एक कमी है। कभी कभी उसका आत्मसम्मान क्रोध का रूप ले लेता है। एक बार उसकी बाइक की किसी की बाइक से टक्कर हो गई और राहत का मोबाईल सड़क पर गिर गया। राहत अपना मोबाइल उठा ही रहा था की दूसरे बाइक वाले ने कह दिया, 'मोबाइल उठाओ और चलते बनो।' राहत को क्रोध आ गया और उसने कहा, 'अब तो मोबाइल तुम्हीं उठा कर दोगे।' बात बढ़ गई। राहत ने उसे तब तक पीटा जब तक उसने मोबाइल उठा कर राहत को न दे दिया।
राहत की बहन शहला और उसकी की मम्मी बिरजीस आंटी भी दो बार आई थीं। खाने के लिए कुछ लायी हैं।
सौरभ और उसका भाई अनुभव भी आया था। अनुभव ने अहमदाबाद से एम.बी.ए. किया है। पिछले चार महीनों से वह लखनऊ में है। यू.एस. से दो ऑफर हैं। वीज़ा की प्रतीक्षा कर रहा है। अनुभव सीमा के लिए बहुत अच्छा लड़का है लेकिन इन दोनों की आयु में भी उतना ही अंतर है जितना मेरी और अनुष्का की आयु में है। मैं नहीं चाहता की सीमा को भी आयु-अंतर से उत्पन्न होने वाली उसी मानसिक क्लांति से गुज़रना पड़े जिससे मैं और अनुष्का गुज़र रहे हैं। अनुभव के व्यक्तित्व में आकर्षण है और वह बातें भी बहुत अच्छी करता है इस लिए लड़कियां उसकी ओर खिची चली आती हैं। जब सीमा, अनुष्का और अनुभव एक साथ होते हैं तो घर क़हक़हों से गूंजने लगता है। मुझे उनकी हंसी अच्छी नहीं लगती है। अनुभव अनुष्का से मात्र एक वर्ष बड़ा है और सीमा से सात वर्ष। मैं दोनों को ही उनसे अलग रखना चाहता हूँ।
अनुभव थोड़ी देर बैठ कर चला गया। सौरभ तीन घंटे बैठा। मैंने सौरभ से कहा कि यार कैथेटर के कारण मैं शारीरिक पीड़ा से कम, मानसिक और सामाजिक पीड़ा से अधिक पीड़ित हूँ । डॉक्टर सीधी सादी बातों को पेचीदा क्यों बना देते हैं। यह सब कैथेटर, डैलेसिस आदि का क्या चक्कर चला रक्खा है। चुपचाप पैसे लें, किडनी बदलें, और अपनी राह लें।
सौरभ ने उत्तर दिया, "हर समस्या का हल पैसा नहीं होता है। यह तुम कब समझोगे?" पता नहीं आज उसने मुझसे बहस क्यों नहीं की।
मेरे पास सोने के लिए राहत आ गया है। राहत अपने घर से ख़ाना लाया है। हम दोनों ने खाना खा लिया है। राहत दिन की आख़री नमाज़ पढ़ रहा है। वह कोई नमाज़ नहीं छोड़ता है। अब मैं सोने जा रहा हूँ।
