जिस केस का न्यायालय ने फैसला सुनाया है उसमें तो उनका नायक अभियुक्त ही नही था।
उन्होंने अपनी उम्र की पकी हुईं दाढ़ी में बहुत कुछ पकाया है।
बैग लेकर जाते हुए उस रिक्शे वाले की आँखों में आँसू थे।
"एक और वचन -आप मुझे कभी मेरे भाई से दूर नहीं करेंगी
दोनों मित्र सम्राट की मूर्खता पर ठहाका लगाने लगे।
आज की जो स्थित