This poem depicts the sentiments attatched of a person towards his home :)
ये बस आने जाने का जरिया थी और तुमने काम क्या लिया है ?
बड़े होकर मेरे बच्चे दूसरों से इसी तरह सहानुभूति रखेंगे।
मैं खुद को नहीं हार पाऊंगा लेकिन फिर भी डर लगता है गर मैं इस बार जीत गया तो ?
कुछ देर चलने के बाद अचानक उसकी नजर में उसकी रोती हुई बेटी आई
और आशा करता हूँ कि आप सब भी प्रार्थना करेंगे।