ये पूरा आकाश ही नहीं पूरी धरती भी हमारी तुम्हारे लिये। ये पूरा आकाश ही नहीं पूरी धरती भी हमारी तुम्हारे लिये।
खामोशी का एक सन्नाटा बिखरे जा रहा है। सिवाए मेरे अंतर्मन में तेरी गुनगुनाती यादों के खामोशी का एक सन्नाटा बिखरे जा रहा है। सिवाए मेरे अंतर्मन में तेरी गुनगु...
घिसावट हर जगह है सार्वभौमिक है घिसावट हर जगह है सार्वभौमिक है
आप ही, बस आपके, इसके सिवा कुछ भी नहीं। आप ही, बस आपके, इसके सिवा कुछ भी नहीं।