कहीं पैसों की खनखन का शोर तो कहीं भूखे पेट की भड़भड़ाती ज्वाला कहीं पैसों की खनखन का शोर तो कहीं भूखे पेट की भड़भड़ाती ज्वाला
चुनावी साजिशें आयी, चुनावी रंजिशें निकली चुनावी दौर में मुझ को, हवाएँ सब बताती हैं। चुनावी साजिशें आयी, चुनावी रंजिशें निकली चुनावी दौर में मुझ को, हवाएँ सब बतात...
ना खुदा मिला, ना खुदा के बन्दे मिले, मुर्दों से बदतर कुछ ज़िन्दे मिले ना खुदा मिला, ना खुदा के बन्दे मिले, मुर्दों से बदतर कुछ ज़िन्दे मिले
अब नींद में चलने लगा हूँ अब अंधों सा रहने लगा हूँ ! अब नींद में चलने लगा हूँ अब अंधों सा रहने लगा हूँ !
उम्मीद अभी जिंदा है आगे उम्र अभी बाकी है अभी क्यों उठना, सहर की नींद अभी बाकी है।। उम्मीद अभी जिंदा है आगे उम्र अभी बाकी है अभी क्यों उठना, सहर की नींद अभी बाकी...