मेरी अपनी सल्तनत मेरा अपना राज अकेली मैं सम्राज्ञी, पूरी करूँ मन की प्यास, मेरी अपनी सल्तनत मेरा अपना राज अकेली मैं सम्राज्ञी, पूरी करूँ मन की प्यास,
भारत रत्न से सम्मानित भारत की थी शान , दीदी आप हो हमारे अभिमान, भारत रत्न से सम्मानित भारत की थी शान , दीदी आप हो हमारे अभिमान,
परमानंदको भाव, ध = धरापर बिखरती । नि = निरंतर जीभ तोरी, सा = साक्षातच सरस्वती परमानंदको भाव, ध = धरापर बिखरती । नि = निरंतर जीभ तोरी, सा = साक्षात...