अब यहाँ तो इन्सान भी बिक चला, अब तो बस भगवान भी शर्मिन्दा है। अब यहाँ तो इन्सान भी बिक चला, अब तो बस भगवान भी शर्मिन्दा है।
ठहर पाई नहीं कश्ती उस कयामत के सैलाब में थी दोनों की साँसे उफान पर और आँखें बंद हो गई नाग और चन्... ठहर पाई नहीं कश्ती उस कयामत के सैलाब में थी दोनों की साँसे उफान पर और आँखें बं...