सुनो! लिखी थी प्रेम कथा उसी ने हमारी हम तो उसे जी रहे थे उसके लिखे अनुसार..! सुनो! लिखी थी प्रेम कथा उसी ने हमारी हम तो उसे जी रहे थे उसके...
फ़क़ीर से फलक पर बैठाने में भी कोई कोताही नहीं बरती जाती। अपने-अपने कर्मों का लेखा-जोखा ... फ़क़ीर से फलक पर बैठाने में भी कोई कोताही नहीं बरती जाती। अपने-अपने कर्म...
जब होता है दिल बेचैन, मनोरंजन से आता है चैन, जब होता है दिल बेचैन, मनोरंजन से आता है चैन,
इनके प्रभाव से ही बन जाता सुखमय ये संसार। इनके प्रभाव से ही बन जाता सुखमय ये संसार।