मत करो ये गुस्ताखियां, नहीं तो सच मुच लहूलुहान हो जाओगे..! मत करो ये गुस्ताखियां, नहीं तो सच मुच लहूलुहान हो जाओगे..!
लौटूंगा!लौटूंगा!जुझूँगा, इसी समर में लौटूंगा!लौटूंगा!जुझूँगा, इसी समर में
जिंदगी की आपाधापी में हम खुद को भूल गये हैं। जिंदगी की आपाधापी में हम खुद को भूल गये हैं।
दिल में किसी के झांक कर देखो दर्द का एक सागर मिलेगा, दिल में किसी के झांक कर देखो दर्द का एक सागर मिलेगा,
टिकी हुई ये सारी दुनिया केवल प्यार के दम पर एक दूजे पर प्यार लुटाएं ये जिम्मेदारी है। टिकी हुई ये सारी दुनिया केवल प्यार के दम पर एक दूजे पर प्यार लुटाएं ये जिम्मे...
मैं तो इस देश का अन्नदाता फिर क्यों मैं लहूलुहान हूँ मैं तो एक किसान हूँ ।। मैं तो इस देश का अन्नदाता फिर क्यों मैं लहूलुहान हूँ मैं तो एक किसान हूँ ।...