ना होगी तो ज़िंदगी तुम्हारी यादों के सहारे पार कर लूंगा। ना होगी तो ज़िंदगी तुम्हारी यादों के सहारे पार कर लूंगा।
कवि मुक्ता-फल चुनता हूं कुछ लफ्ज तेरी यादों के आज पिरोता हूं। कवि मुक्ता-फल चुनता हूं कुछ लफ्ज तेरी यादों के आज पिरोता हूं।
इस आग में जलता रहे हर वो लम्हा और हर पल इस आग में जलता रहे हर वो लम्हा और हर पल
हम किताबों में अब ढूँढे जाने लगे जाने कब, क्या हुआ, कुछ ख़बर ना लगी। हम किताबों में अब ढूँढे जाने लगे जाने कब, क्या हुआ, कुछ ख़बर ना लगी।
किस्मत की ही तो बात है तुम सा हमसफ़र जो हमने पाया किस्मत की ही तो बात है तुम सा हमसफ़र जो हमने पाया