सूरत का लिबास ओढ़े, हिज़ाब का अंश तक नहीं। सूरत का लिबास ओढ़े, हिज़ाब का अंश तक नहीं।
एक मुस्कान का मोहताज और इश्क़ कुबूल करने वाले का कर्ज़दार होता है एक मुस्कान का मोहताज और इश्क़ कुबूल करने वाले का कर्ज़दार होता है
रूह बन जाते हैं यों कुछ खास लोग, फिर कहाँ सफ़र अधूरा वो रख पाते हैं। रूह बन जाते हैं यों कुछ खास लोग, फिर कहाँ सफ़र अधूरा वो रख पाते हैं।