वाह री आशिकी तूने जाने कितनों को बरबाद किया! वाह री आशिकी तूने जाने कितनों को बरबाद किया!
वो गए थे बड़ी शान से इस गांव से उस शहर की ओर , जब खाई ठोकरें तो चल पड़े गांव की ओर। वो गए थे बड़ी शान से इस गांव से उस शहर की ओर , जब खाई ठोकरें तो चल पड़े गांव...
जल्दी से बना ली चाय और साथ में कुछ पकौड़े भी, जल्दी से बना ली चाय और साथ में कुछ पकौड़े भी,
चल री सजनी छोड़ सब कुछ ना तेरा कोई साथ है। चल री सजनी छोड़ सब कुछ ना तेरा कोई साथ है।
मैं बोला सारा सोच समझ कर अब मैं छोटों नहीं बड़ा गया हूँ। मैं बोला सारा सोच समझ कर अब मैं छोटों नहीं बड़ा गया हूँ।