गुरु मित्र सखा मार्गदर्शक है जगत की आत्मा है आधार है नारी गुरु मित्र सखा मार्गदर्शक है जगत की आत्मा है आधार है नारी
और बन जाता है प्रहरी बहन की खुशियों और सम्मान का। और बन जाता है प्रहरी बहन की खुशियों और सम्मान का।
शीत-घाम-वर्षा सहते नित हंसकर हरा-भरा रखते ये वतन रूपी चमन। शीत-घाम-वर्षा सहते नित हंसकर हरा-भरा रखते ये वतन रूपी चमन।
हम ही बनेंगे इसके रक्षक ये संकल्प लेना होगा। हम ही बनेंगे इसके रक्षक ये संकल्प लेना होगा।
अपनी बहनों का चीर हरण, तू देख खड़ा रह जाता है, अपनी बहनों का चीर हरण, तू देख खड़ा रह जाता है,
भारतीय लोकतंत्र की बिगड़ती हालत एवं उसमें विधि रक्षकों द्वारा शक्ति के अनुचित प्रयोग पर रची गयी कवि भारतीय लोकतंत्र की बिगड़ती हालत एवं उसमें विधि रक्षकों द्वारा शक्ति के अनुचित प्...