हर एक ज़र्रा इस जिस्म ओ रूह का ये कहता है ऐ "ज़लज़ला" तुझे नफरत करना नहीं आता है। हर एक ज़र्रा इस जिस्म ओ रूह का ये कहता है ऐ "ज़लज़ला" तुझे नफरत करना नहीं आता...
शिकायतें तो सौ हैं तुम्हें सुनाने को मगर, गले लगा कर बस रोने को जी चाहता है। शिकायतें तो सौ हैं तुम्हें सुनाने को मगर, गले लगा कर बस रोने को जी चाहता है।
बहुत मुश्किल से मिलता है जीवन में अपनो का साथ बहुत मुश्किल से मिलता है जीवन में अपनो का साथ
कहीं मेल-मिलाप है, ख़ूब वार्तालाप है। कहीं कहीं तो इतनी रंजिश कि देखना-दिखना भी पाप है।। कहीं मेल-मिलाप है, ख़ूब वार्तालाप है। कहीं कहीं तो इतनी रंजिश कि देखन...
रंजिशों को छोड़कर गले लगाइए। रंजिशों को छोड़कर गले लगाइए।
दिल से रंजिश दिल से रंजिश