किसने मुझको पुकारा, रुको ओ पथिक। मैं भी साथ चलने को आतुर तुम आओ धीरे-धीरे मैं जल्दी म किसने मुझको पुकारा, रुको ओ पथिक। मैं भी साथ चलने को आतुर तुम आओ धीरे-धीरे ...
देखो वृक्ष पर कोयल आई, मीठी है इसकी बोली l देखो वृक्ष पर कोयल आई, मीठी है इसकी बोली l
माटी मेरे गाँव की, मुझको रही पुकार। क्यों मुझको तुम भूल गए, आ जाओ एक बार।। बूढ़ा पीपल बाँह पसार... माटी मेरे गाँव की, मुझको रही पुकार। क्यों मुझको तुम भूल गए, आ जाओ एक बार।। ...
मह मह महके गंध तोहार गोरिया दगा देके काहे भइलू तू फरार गोरिया मह मह महके गंध तोहार गोरिया दगा देके काहे भइलू तू फरार गोरिया