होली की हँसी ठिठोली और प्रेम की मनुहार दर्शाती मेरी यह कविता। होली की हँसी ठिठोली और प्रेम की मनुहार दर्शाती मेरी यह कविता।
आस अर विश्वास भी हिंदी, हास अर परिहास भी हिंदी, आस अर विश्वास भी हिंदी, हास अर परिहास भी हिंदी,
झट पट दौड़ लगाती हो ममता अपनी लुटाती हो ओ मेरी प्यारी माँ झट पट दौड़ लगाती हो ममता अपनी लुटाती हो ओ मेरी प्यारी माँ
पति नाम का एक ठप्पा तुमको मिलने वाला है। पति नाम का एक ठप्पा तुमको मिलने वाला है।