आज पता चलता है कि सब है बेकार। आज पता चलता है कि सब है बेकार।
मैं कितनी महफूज़ हूँ तुम्हारी छत्रछाया में मैं कितनी महफूज़ हूँ तुम्हारी छत्रछाया में
मन की करना बहुत याद आता है ! मन की करना बहुत याद आता है !
जब तक मम्मी से तबियत से कुटाई न हो जाये गुस्सा होना पल भर के लिए पापा के मनाने के। जब तक मम्मी से तबियत से कुटाई न हो जाये गुस्सा होना पल भर के लिए पाप...
हम सब सदा माँ को ही धन्य मानते, पर पिता के बारे में भूल हैं जाते। जो दिन-रात एक कर मेहनत हैं करते। हम सब सदा माँ को ही धन्य मानते, पर पिता के बारे में भूल हैं जाते। जो दिन-रात ए...
माँ ने दिया है प्यार दुलार तो पापा ने संस्कार दिया। अंधेरे में न कहीं भटकूँ हर अंधकार को दूर किया... माँ ने दिया है प्यार दुलार तो पापा ने संस्कार दिया। अंधेरे में न कहीं भटकूँ ह...