मेरे पापा
मेरे पापा
पापा ,,,,,,,,,
मैंने माँ को नहीं देखा
हां देखा तो होगा
मगर याद नहीं मुझको
छोड़ गई थी माँ
इक नन्हीं-सी गुड़िया को
इस दुनिया में अकेला
जिसको तुमने ,,,,,,,
माँ बनकर पाला-पोसा
परवान चढ़ाया
उसके जीवन को
सींचा अपने परिश्रम भरे
स्वेदकणों से से
आकर दिया तुमने
उसके वजूद को
आधार बने तुम
उस गुड़ियारूपी बिरवे का
पढ़ा-लिखाकर
हर तरह से
काबिल बनाया
स्वतंत्रता देकर
जीने का अंदाज़ सिखाया
पापा ,,,,,,,
मैं कितनी महफूज़ हूँ अव
तुम्हारी छत्रछाया में
दुनिया की हर सर्दी-गर्मी से
तुम बचाते हो मुझको
पापा ,,,,,
तुम मेरे बरगद हो
छांव तुम्हारी
सुरक्षा-कवच है मेरा !
ओ मेरे पापा !
