हंसता है, रोता है, पर दिल, दिल ही तो है। हंसता है, रोता है, पर दिल, दिल ही तो है।
कुछ हूँ जितना उसको पाया है और कि तरह उसको गिरा कर खुद को उठाया। कुछ हूँ जितना उसको पाया है और कि तरह उसको गिरा कर खुद को उठाया।
सिमटती कभी बिखरती खुदा ने नायाब बनाया है, नारी हो तुम हर मर्तबा बेईमानों को समझाया है सिमटती कभी बिखरती खुदा ने नायाब बनाया है, नारी हो तुम हर मर्तबा बेईमानों को स...