गिरी हूँ, तो उठूँगी भी हालातों से, डरूँगी नहीं गिरी हूँ, तो उठूँगी भी हालातों से, डरूँगी नहीं
जिसमें उसकी जो मर्जी हो वह खुशी की एक रोशनी है। जिसमें उसकी जो मर्जी हो वह खुशी की एक रोशनी है।
आखिर तुमने अब तक उन्हें दिया ही क्या है, भूख लाचारी बेबसी । आखिर तुमने अब तक उन्हें दिया ही क्या है, भूख लाचारी बेबसी ।