तू इश्क़ के बागीचे की गुलाब सी तू इश्क़ के बागीचे की गुलाब सी
हृदय हृदय से फूल रहा बिखरी पड़ी मानवता देखो, हृदय हृदय से फूल रहा बिखरी पड़ी मानवता देखो,
'जी करता कि त्याग के सब कुछ बैरागी हो जाऊं मैं, पर जनम जनम के साथ निभाने के अनुबंध में फंसा है मन।' ... 'जी करता कि त्याग के सब कुछ बैरागी हो जाऊं मैं, पर जनम जनम के साथ निभाने के अनुब...
तेरे संसर्ग से मैं खुद भी बहक गई हूँ। तेरे संसर्ग से मैं खुद भी बहक गई हूँ।
नैनन में तेरे बस जाऊँ, हृदय में मैं तेरे रम जाऊँ, नैनन में तेरे बस जाऊँ, हृदय में मैं तेरे रम जाऊँ,