हिन्दी हूँ मैं ताजों की ताज सरताज हूँ मैं हिन्दी हूँ मैं ताजों की ताज सरताज हूँ मैं
सुबह से शाम तक, तुम्हारे साथ रहना एक वरदान सा सुबह से शाम तक, तुम्हारे साथ रहना एक वरदान सा
चाँदनी रात भी अमावस की तरह हो गया और क्या, उस दिन तो चाँद ही मेरे लिए बैरी निकला। चाँदनी रात भी अमावस की तरह हो गया और क्या, उस दिन तो चाँद ही मेरे लिए बैरी न...