यमुना लहरें हरषाएँ। मनमोहन चीर चुराएँ।। सखि कौन सहाय हमारी? मधुसूदन हे! गिरधारी! यमुना लहरें हरषाएँ। मनमोहन चीर चुराएँ।। सखि कौन सहाय हमारी? मधुसूदन हे!...
गुजर सा गया हूँ! या, और थोड़ा, सँवर सा गया हूँ? बसंत के ये , दरख्त जैसे! गुजर सा गया हूँ! या, और थोड़ा, सँवर सा गया हूँ? बसंत के ये , दरख्त जैसे!
बहे लागल फागुनी बयार मह मह महके अमवा मोजरवा छन छन छनके महुआ के कोचवा , अईले नाही स बहे लागल फागुनी बयार मह मह महके अमवा मोजरवा छन छन छनके महुआ के कोचवा , ...
पग पग रखता आदमी संभालकर, भविष्य से चिंतित, इतिहास से हारकर, समय का चक्र घूमे जा रहा है, पानी बहे जा ... पग पग रखता आदमी संभालकर, भविष्य से चिंतित, इतिहास से हारकर, समय का चक्र घूमे जा ...
विद्या वही जो हमें मुक्ति दे, और जीवन जीने की युक्ति दे। विद्या वही जो हमें मुक्ति दे, और जीवन जीने की युक्ति दे।