फिसल कर गिर जाना, पकड़ कर तुझे भी गिराना फिसल कर गिर जाना, पकड़ कर तुझे भी गिराना
संतरगी रंगों की फुहारें संतरगी रंगों की फुहारें
आया सावन झूम के दिखे प्रसन्न भाव मन के। आया सावन झूम के दिखे प्रसन्न भाव मन के।
सावन की रातें अक्सर ऐसी बूंदों से झनझनाती हैं। जैसे मधुर शहनाई बज रही हो| सावन की रातें अक्सर ऐसी बूंदों से झनझनाती हैं। जैसे मधुर शहनाई बज रही हो|
झिलमिलाती बारिश की फुहारें...। झिलमिलाती बारिश की फुहारें...।