आया सावन झूम के
आया सावन झूम के
आया सावन झूम के
दिखे प्रसन्न भाव मन के
चारो ओर छाई हरीयाली
है सावन की बात निराली//१//
रंग बिरंगे , खेत खलिहान
देख के आए जान मे जान
घने बादल छाये रहते
रूक,रूक कर पानी बरसाते//२//
सावन का झूम के आता महीना
सबसे अलग सावन की महिमा
पहाड़ों से गिरते पानी की फुहारें
हर तरफ दिखते अलग नजारे//३//
हर सावन की ख़ूबसूरत शाम
मनोहर सजती इंद्र धनु कमान
मनभावन है हर सावन
सजता धरा का तन मन //४//
सावन की अजब होती बात
प्रसन्न दीखती हर रात
आस लगती सावन की
प्यास बुझती हर मन की//५//
