नर्म सुबह सुहानी हुुई है सखी घर आए मेरे प्रवासी।। नर्म सुबह सुहानी हुुई है सखी घर आए मेरे प्रवासी।।
दादी माँ के किस्से तुझको पुकारते हैं दादा के वो हाथ अब भी दुलारते हैं दादी माँ के किस्से तुझको पुकारते हैं दादा के वो हाथ अब भी दुलारते हैं
इक्कीसवीं सदी में भी ई-टिकट कैसे प्राप्त करें ? इक्कीसवीं सदी में भी ई-टिकट कैसे प्राप्त करें ?
मैंने तेरा क्या बिगाड़ा था कल तक मज़दूर था आज मजबूर हो गया ! मैंने तेरा क्या बिगाड़ा था कल तक मज़दूर था आज मजबूर हो गया !
इस शहर ने मुझे आखिर अपना मान ही लिया! इस शहर ने मुझे आखिर अपना मान ही लिया!
वो बंद खिड़की अपने भाग्य पर इठला रही है, कमरा रोशन हो, जगमगा उठा है! वो बंद खिड़की अपने भाग्य पर इठला रही है, कमरा रोशन हो, जगमगा उठा है!