दुनिया के प्रपंचों से दूर रख खुद को खुद से लो प्यार थोड़ा ज्यादा कर लिया है। दुनिया के प्रपंचों से दूर रख खुद को खुद से लो प्यार थोड़ा ज्यादा कर लिया है।
मगर वह हार गया जब प्रेम मेरे साथ और नफरत उसके साथ थी खड़ी। मगर वह हार गया जब प्रेम मेरे साथ और नफरत उसके साथ थी खड़ी।
कहाँ मिलेगा वैराग्य क्या करना होगा सब त्याज्य क्या बुद्ध बैरागी रहे या यशोधरा कर्तव्यों को साध... कहाँ मिलेगा वैराग्य क्या करना होगा सब त्याज्य क्या बुद्ध बैरागी रहे या यशोधर...
नहीं दिखता लक्ष्मण सरीखा भाई कोई, भरत प्रतिज्ञा के भी न अब दर्शन होते। नहीं दिखता लक्ष्मण सरीखा भाई कोई, भरत प्रतिज्ञा के भी न अब दर्शन होते।
वो तुमसे जब पूछे कौन हूँ मैं? तुम उससे कह देना अतीत हूँ मैं तुम्हारा..! वो तुमसे जब पूछे कौन हूँ मैं? तुम उससे कह देना अतीत हूँ मैं तुम्हारा.....
इस जग में पहचानिए ,छल-प्रपंच और झूठ, सचेत जो रहे नहीं तो लोग लेंगे तुमको लूट। इस जग में पहचानिए ,छल-प्रपंच और झूठ, सचेत जो रहे नहीं तो लोग लेंगे तुमको लूट।