हाथ सभी के लाल रंगे, कोई ना जाने सार मेरा। हाथ सभी के लाल रंगे, कोई ना जाने सार मेरा।
रहने दो गुमनाम मुझे मर जाने दो यूं ही मुझे वैसे भी मरना तो है ही कौन जाने वो पल आ जा। रहने दो गुमनाम मुझे मर जाने दो यूं ही मुझे वैसे भी मरना तो है ही कौन जा...
रोज़ चलता हूँ कदम चंद मैं उन राहों में फिर भी तन्हा हूँ मैं वो राह भी अकेली है गुज़रते वक़्त में... रोज़ चलता हूँ कदम चंद मैं उन राहों में फिर भी तन्हा हूँ मैं वो राह भी अकेली है...
क्या यही प्रेम ? मैंने पैगम्बरों से जानने की कोशिश की कि क्या यही प्रेम है ? पर पाया कि वो भ... क्या यही प्रेम ? मैंने पैगम्बरों से जानने की कोशिश की कि क्या यही प्रेम है ...